रांची. बिना किसी आरोप के हरिचरण रजवार व उसके भाई कन्हैया रजवार को सिकिदरी थाना में छह दिनों तक अवैध रूप से रखने के मामले में सिल्ली के तत्कालीन डीएसपी अनिल शंकर व तत्कालीन थाना प्रभारी लक्ष्मण सिंह के खिलाफ एससी-एसटी थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी. शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने दिया. प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता सरधू महतो ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि 12 फरवरी 2015 को सिकिदरी थाना पुलिस हरिचरण रजवार व उसके भाई कन्हैया रजवार को जबरन उठा कर थाना ले आयी थी.
उन दोनों के खिलाफ कोई आरोप नहीं था. दोनों को छह दिनों तक अवैध रूप से थाना में रखा गया. 16 फरवरी को इसकी शिकायत राज्यपाल से की गयी थी. इसकी सूचना मिलते ही दोनों को थाना से छोड़ दिया गया.
पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ हरिचरण रजवार ने निचली अदालत में शिकायतवाद दायर किया. वर्ष 2015 में अदालत ने शिकायतवाद पर सुनवाई के बाद पुलिस को उक्त पदाधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया. एक साल बीतने पर भी पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की. इस पर हरिचरण रजवार ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की. शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया. हाइकोर्ट के कड़े रुख के बाद शुक्रवार को ही प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी.