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विश्व भर के मुंडा आदिवासी नवंबर माह में रांची में जुटेंगे : अर्जुन मुंडा

रांची: पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा ने कहा कि नवंबर में रांची में दुनिया भर के डेढ़ से दो लाख मुंडा आदिवासी जुटेेंगे़ उसी दिन भारत मुंडा समाज की ओर से एक बड़े शिक्षण केंद्र का शिलान्यास किया जायेगा, जिसे शिक्षा व संस्कृतिक के केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा़ देश भर के मुंडा आदिवासियों […]

रांची: पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा ने कहा कि नवंबर में रांची में दुनिया भर के डेढ़ से दो लाख मुंडा आदिवासी जुटेेंगे़ उसी दिन भारत मुंडा समाज की ओर से एक बड़े शिक्षण केंद्र का शिलान्यास किया जायेगा, जिसे शिक्षा व संस्कृतिक के केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा़ देश भर के मुंडा आदिवासियों को जोड़ने के लिए एक सूचना तंत्र विकसित किया जा रहा है़ श्री मुंडा रविवार को भारत मुंडा समाज के दो दिवसीय तृतीय राष्ट्रीय मुंडा सम्मेलन के समापन के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे़ यह आयोजन दीक्षांत समारोह मंडप मोरहाबादी में हुआ़ मौके पर मीरा मुंडा, डॉ सुभाष मुंडा, कुंवर पाहन, ब्रजेंद्र हेमरोम, मेघनाथ सिंह मुंडा, गोपीनाथ सिंह मुंडा, शोभा सिंह मुंडा, कैलाश मुंडा, रूप लक्ष्मी मुंडा आदि मौजूद थे़.
इस मौके पर उन्होंने पद्मश्री डॉ रामदयाल मुंडा को भारत रत्न का सम्मान देने, ओड़िशा की तरह मुंडारी के शिक्षक पद की स्वीकृति व मुंडारी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग भी की़ उन्होंने कहा कि आदिवासियों की मूल जनजाति मुंडा ही है़ हमें अपने गौरवशाली इतिहास को जानते हुए एक नया इतिहास बनाना है़ अपनी समृद्ध परंपराओं को लेकर चलना है़.
महाराज मदरा मुंडा के नाम पर हो पतरातू मार्ग
जेठा नाग ने राजभवन से पतरातू जाने वाले मार्ग का नाम बदल कर महाराज मदरा मुंडा पथ करने की मांग की़ वहीं खूंटी के बिरसा कॉलेज का नाम बिरसा मुंडा कॉलेज व रांची पहाड़ी का नाम रिकी बुरु करने की मांग की. खेलगांव के मुख्य द्वारा पर मरंग गोमके की जगह मोरोंग गोमके लिखा गया है़ इसमें सुधार की मांग की.
मुंडारी लिपि में पढ़ रहे हैं 1500 बच्चे
मयूरभंज ओड़िशा से आये बसंत कुमार सिंह ने बताया कि भारत मुंडा समाज द्वारा ओड़िशा में 36, झारखंड में तीन व पश्चिम बंगाल में दो केंद्राें में 1500 बच्चे मुंडारी लिपि मेें मुंडारी, गणित व सामाजिक विज्ञान विषयों की पढ़ायी कर रहे है़ं उन्होंने बताया कि इस लिपि का आविष्कार पंडित रोहिदास सिंह नाग ने किया था और इसमें मात्र 27 अक्षर है़ं.
राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा
सम्मेलन के बाद राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया़ इसमें सरकार द्वारा मनमाने तरीके से जमीन अधिग्रहण पर रोक लगाने, मुंडा व भूमिज जनजातियों को जनजाति प्रमाण पत्र मिलने में हो रही कठिनाई को दूर करने, डॉ रामदयाल मुंडा को भारत रत्न का सम्मान देने, मुंडारी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने और बहरागोड़ा, पूर्वी सिंहभूम में बिरसा मुंडा सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना करने की मांग शामिल है.

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