रांची: राज्य के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की छात्राएं कम संसाधन में बेहतर रिजल्ट दे रही हैं. सरकारी विद्यालय के शिक्षकों के वेतन पर करोड़ों खर्च के बाद भी रिजल्ट संतोषजनक नहीं हो रहा है. वहीं कस्तूरबा गांधी विद्यालय में 150 रुपये प्रति घंटी मानदेय पर काम करनेवाले शिक्षकों के बल पर रिजल्ट सौ फीसदी हो रहा है.
विद्यालय में नामांकन लेने वाली सभी छात्राएं ड्रॉप आउट हैं. विद्यालय जाना छोड़ चुकी छात्राओं ने जब पढ़ाई शुरू की, तो नियमित रूप से स्कूल जानेवाले बच्चों को भी पीछे छोड़ दिया. राज्य में 203 कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय हैं. इनमें से 127 विद्यालय से छात्राएं इंटर आर्ट्स 2016 की परीक्षा में शामिल हुईं थीं. इसमें से 47 विद्यालय का रिजल्ट सौ फीसदी, 23 विद्यालय का रिजल्ट 95 फीसदी तथा 16 विद्यालयों का 90 फीसदी से अधिक रहा.
इन विद्यालयों में सभी विषय के शिक्षक नहीं हैं. कस्तूरबा विद्यालय में नियमित शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है. विद्यालय में इस वर्ष तक कक्षा नौ से 12वीं तक की पढ़ाई के लिए घंटी आधारित शिक्षक रखे गये थे. शिक्षक को प्रति घंटी 150 रुपये के हिसाब से मानदेय का भुगतान किया जाता था. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने अब कस्तूरबा विद्यालयों में सरकारी विद्यालय के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति का आदेश दिया है. शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति के बाद भी आवश्यकता अनुसार घंटी आधारित शिक्षक रखे जा सकते हैं.
75 फीसदी सीट एससी-एसटी के लिए आरक्षित : कस्तूरबा स्कूल में कक्षा छह में नामांकन होता है. विद्यालय में 75 फीसदी सीट एससी व एसटी वर्ग की छात्राओं के लिए आरक्षित है, जबकि 25 फीसदी सीट पर अन्य वर्ग की बीपीएल छात्राओं का नामांकन होता है. विद्यालय में वैसी छात्राओं का नामांकन लिया जाता है, जो कक्षा पांच तक की पढ़ाई के बाद अागे की पढ़ाई नहीं कर पाती हैं. राज्य में 203 कस्तूरबा विद्यालय हैं. 57 वैसे प्रखंड जहां विद्यालय नहीं हैं, वहां भी राज्य सरकार के स्तर से विद्यालय खोला गया है.
साइंस व कॉमर्स की शुरू होगी पढ़ाई : विद्यालय में प्लस-टू स्तर पर अब तक मात्र कला संकाय की पढ़ाई होती थी. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने वर्तमान शैक्षणिक सत्र से सभी विद्यालयों में साइंस व कॉमर्स की पढ़ाई शुरू करने का निर्देश दिया है. वर्ष 2015 में 25 विद्यालय में साइंस व कॉमर्स की पढ़ाई शुरू हुई थी.
इन विद्यालयों का शत-प्रतिशत हुआ रिजल्ट : कस्तूरबा गांधी विद्यालय चान्हो, मांडर, बुंडू, सोनाहातू, ओरमांझी, बुढ़मू , बेड़ो, कांके, लापुंग, पालकोट, किस्को, टांगर, सिमडेगा, खूंटी, हजारीबाग, बड़कागांव, विष्णुगढ़, केरेडारी, बिरनी, पिड़टांड, प्रतापपुर, बेरमो, चंदनकियारी , कसमार, पेटरवार, रमकंडा, खारोनडीह, कांडी, मेराल, बरवाडीह, घाटशिला, चाकुलिया, जमशेदपुर, मोसाबनी, बहड़ागोड़ा, डुमरिया,नोआमुंडी, जगन्नाथपुर, सोनुआ, चक्रधरपुर, चाईबासा, बड़कागांव, इचागढ़, गोयलकेरा व कांडी़.
महिला साक्षरता दर बढ़ाने के लिए 2004 में शुरू हुई थी योजना
भारत सरकार ने वर्ष 2004 में महिला साक्षरता दर बढ़ाने के लिए कस्तूरबा गांधी विद्यालय योजना शुरू की थी. इसके तहत वैसे क्षेत्रों में लड़कियों के लिए आवासीय विद्यालय बनाया जाता है, जहां एसटी, एससी, ओबीसी व अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों में साक्षरता कम हो. कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में पहले वर्ग छह से आठ तक की पढ़ाई होती थी. अब वर्ग 12 तक की पढ़ाई होती है. इन स्कूलों में पढ़नेवाली लड़कियों को किताब, भोजन आदि सरकार उपलब्ध कराती है. बावजूद स्कूलों में नामांकन का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है. कक्षा छह से आठ तक की पढ़ाई का खर्च केंद्र व राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है, जबकि कक्षा नौ से 12वीं तक की पढ़ाई का खर्च राज्य सरकार वहन करती है.