कक्ष में आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी रहते हैं. इस कक्ष में इन पुलिसकर्मियों के बिस्तर व अन्य सामान पड़े हैं. कमरे की दीवारों पर रस्सियां बंधी हैं, जिन पर पुलिसकर्मियों के कपड़े टंगे हैं. पूरा कक्ष बेहद बदहाल स्थिति में है.
सीलिंग जर्जर हो चुकी है. एक अोर भगवान बिरसा मुंडा की पेंटिंग दीवार के साथ लगी है, वहीं दूसरी ओर पास में ही भगवान की छोटी प्रतिमाएं भी हैं. उसी जगह पर ताश की गड्डियां भी फेंकी हुई मिलीं. पुलिसकर्मियों को बिरसा मुंडा के बारे में जानकारी तो है, पर वे भी उन्हें सम्मान नहीं दे पा रहे. कक्ष के बाहर सीढ़ियों से नीचे उतरते ही एक अोर शिलापट्ट है. वहां पर भी शराब की बोतलें फेंकी हुई हैं. कई संगठन पुराने जेल के उस वार्ड को धरोहर के रूप में संरक्षित करने की मांग कर चुके हैं. अगर जल्द ही यह कार्य नहीं किया गया, तो अभी तक जो बचा है, वह भी बर्बाद हो जायेगा.