टंडवा में टीपीसी, माओवादी समेत कई दलों के लोग अपने फायदे के लिए रैयत की बैठक करते हैं और क्षेत्र की शांति भंग करते हैं. टंडवा इंस्पेक्टर ने टीपीसी के पास से 1.84 करोड़ रुपये की बरामदगी मामले में भी योगेंद्र साव को अभियुक्त बताया है. हालांकि इस मामले में योगेंद्र साव अभियुक्त नहीं थे. मामले को लेकर दायर शपथ पत्र में टंडवा इंस्पेक्टर ने झारखंड पुलिस की तरफ से कहा है कि अवैध वसूली की जांच सीबीआइ से कराने में झारखंड पुलिस को कोई आपत्ति नहीं है.
सागर ने याचिका दाखिल कर आम्रपाली व मगध कोल परियोजना में हो रही अवैध वसूली की सीबीआइ जांच की मांग की है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि टंडवा में पुलिस व टीपीसी के गंठजोड़ से अवैध वसूली हो रही है. गौरतलब है कि पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी पत्नी विधायक निर्मला देवी ने सरकार को पत्र लिख कर टीपीसी व पुलिस गंठजोड़ में कोयला व्यापारियों से हो रही अवैध वसूली की जांच की मांग की थी.