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तीन माह में एकाउंट से निकाले 50 लाख

फरजी चेक से रुपये निकालने का मामला दूसरे के एकाउंट से चेक के जरिए रुपये निकालनेवाले गिरोह के सदस्य संतोष चौरसिया सहित अन्य लोग अभी तक दूसरे के एकाउंट से करीब 50 लाख से अधिक रुपये की निकासी कर चुके हैं. इसका खुलासा राकेश उर्फ अजय सिंह ने पुलिस के सामने पूछताछ में किया है. […]

फरजी चेक से रुपये निकालने का मामला
दूसरे के एकाउंट से चेक के जरिए रुपये निकालनेवाले गिरोह के सदस्य संतोष चौरसिया सहित अन्य लोग अभी तक दूसरे के एकाउंट से करीब 50 लाख से अधिक रुपये की निकासी कर चुके हैं. इसका खुलासा राकेश उर्फ अजय सिंह ने पुलिस के सामने पूछताछ में किया है.
रांची : डालटनगंज से गिरफ्तार संतोष चौरसिया के सहयोगी राकेश ने बताया कि संतोष चौरसिया पिछले वर्ष दिसंबर माह में जेल से जमानत पर बाहर निकला था. इसके बाद कुछ दिनों तक शांत रहा और फिर से गिरोह से सदस्यों से संपर्क कर वह दूसरे के एकाउंट से नकली चेक के जरिये रुपये निकालने के काम में सक्रिय हो गया. राकेश ने पुलिस को बताया कि संतोष चौरसिया के कहने पर ही उसने अजय सिंह के नाम पर बैंक एकाउंट खुलवाया था. संतोष चौरसिया ने अजय सिंह के एकाउंट में पंडरा ओपी क्षेत्र स्थित बैंक में पटना की एक कंपनी के
6.30 लाख रुपये का चेक कैस करवाया था. इसके अलावा संतोष पटना से एक कंपनी के एकाउंट से जाली चेक के जरिये 4.75 लाख की निकासी कर चुका है.
इसे लेकर पटना के कोतवाली थाना में 16 मई को मामला दर्ज हुआ था. राकेश के पकड़े जाने की सूचना मिलने पर शुक्रवार को पटना कोतवाली थाना की पुलिस भी राकेश से पूछताछ करने लालपुर थाना पहुंची.
राकेश ने पटना के अनु के बारे में भी पुलिस को अहम जाकारी दी है. राकेश, अनु और कुछ अन्य लोगों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए पुलिस ने कोलकाता और पटना जाने का निर्णय लिया है. इसके अलावा संतोष चौरसिया को फिर से रिमांड पर लेकर पूछताछ करने का निर्णय लिया है.
कंपनियों के एकाउंट के डिटेल मिले
राकेश के पास से कुछ कंपनियों के एकाउंट डिटेल भी मिले हैं. बरामद पेपर में एक कंपनी के एकाउंट में करीब 60 लाख से अधिक रुपये होने की जानकारी पुलिस को मिली है.
जिसके आधार पर पुलिस ने यह अनुमान लगाया कि गिरोह में शामिल लेाग पहले किसी के एकाउंट के बारे में जानकारी हासिल करते थे. इसके बाद उस कंपनी के एकांउट से नकली चेक के जरिये रुपये की निकासी करते थे. पुलिस को इस पर भी आशंका है कि गिरोह के सदस्यों के साथ कोई बैंक अधिकारी भी शामिल है, क्योंकि बिना बैंक अधिकारी की संलिप्तता के दूसरे का एकांउट डिटेल संतोष कैसे हासिल कर सकता है. राकेश के पास से कुछ पहचान पत्र, विभिन्न कंपनियों के पेपर आैर अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं.

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