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जांच आयोग ने नियुक्ति घोटाले से जुड़ी स्टिंग की सीडी मांगी

रांची: विधानसभा में पिछले 15 वर्षों में हुई नियुक्तियों और प्रोन्नति की जांच कर रहा विक्रमादित्य आयोग अनियमितताओं की गहराई से छानबीन कर रहा है़ इसी क्रम में पूर्व स्पीकर आलमगीर आलम के समय हुई कथित नियुक्ति घोटाले के स्टिंग की सीडी को भी आयोग खंगालेगा. तत्कालीन विधायक और वर्तमान में मंत्री सरयू राय के […]

रांची: विधानसभा में पिछले 15 वर्षों में हुई नियुक्तियों और प्रोन्नति की जांच कर रहा विक्रमादित्य आयोग अनियमितताओं की गहराई से छानबीन कर रहा है़ इसी क्रम में पूर्व स्पीकर आलमगीर आलम के समय हुई कथित नियुक्ति घोटाले के स्टिंग की सीडी को भी आयोग खंगालेगा. तत्कालीन विधायक और वर्तमान में मंत्री सरयू राय के माध्यम से वह सीडी सार्वजनिक हुई थी़ जांच आयोग उस सीडी को देखना चाहता है़ .

इसके लिए विधानसभा सचिवालय और मंत्री सरयू राय से सीडी की मांग की गयी है़ सीडी की जांच के लिए बनी तत्कालीन विधानसभा कमेटी के संयोजक और वर्तमान में भाजपा के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर भी पत्र लिखा था़ श्री किशोर ने आयोग के पत्र का जवाब देते हुए कहा है कि जांच प्रतिवेदन विधानसभा को सौंप दी गयी है़ यह प्रतिवेदन विधानसभा सचिवालय से मांगा जा सकता है़ आयोग को वह सीडी अब तक उपलब्ध नहीं हो पायी है़ इधर इस मामले में मंत्री सरयू राय ने कहा है कि आयोग का कोई पत्र सीडी के संबंध में उन्हें मिला हो, ऐसा ध्यान में नहीं है़ सीडी मैंने विधानसभा को दी थी. उसका ट्रांसमिशन में भी कराया था़ आयोग वह सीडी मांगेगा, तो उपलब्ध कराने की कोशिश करूंगा़ कई चीजें इधर-उधर हो गयी है़ं, लेकिन खोजने का प्रयास किया जायेगा़

सीडी में पैसे की बातचीत करते दिखे थे विधानसभा कर्मी
स्पीकर आलमगीर आलम के कार्यकाल में हुए सहायकों की नियुक्ति में पैसे के लेन-देन का मामला सीडी के माध्यम से प्रकाश में आया था़ इसमें विधानसभा के पूर्व सचिव सीताराम साहनी, प्रशाखा पदाधिकारी मो शमीम और लिपिक बासुकीनाथ पाठक को पैसे की बात करते दिखाया गया. सरयू राय ने जब यह सीडी विधानसभा को उपलब्ध कराया, तो नियुक्तियों पर सवाल उठे़ इसके बाद विधानसभा में विधायक राधाकृष्ण किशोर को संयोजक बनाते हुए कमेटी बनायी गयी़, जिसमें तत्कालीन विधायक चितरंजन यादव, रवींद्र नाथ महतो, रामचंद्र सिंह और सुखदेव भगत को सदस्य बनाया गया था़ इसमें रवींद्र नाथ महतो और सुखदेव भगत वर्तमान विधानसभा के भी सदस्य है़ं तत्कालीन स्पीकर आलमगीर ने पल्ला झाड़ा कमेटी के संयोजक राधाकृष्ण किशोर ने रिपोर्ट दी कि पूरे मामले की जांच ऐसी एजेंसी से करायी जाये, जो गहराई से जांच कर सच्चाई उजागर कर सके़ तत्कालीन स्पीकर आलमगीर आलम ने लिख दिया कि अगले विधानसभा गठन के बाद अध्यक्ष विधानसभा की गरिमा और स्वायत्त स्वरूप को देखते उचित निर्णय लेंगे. आलमगीर आलम ने अपना पल्ला झाड़ लिया था़ तत्कालीन स्पीकर ने कमेटी की रिपोर्ट पर किसी तरह की कार्रवाई की अनुशंसा नहीं की़
महत्वपूर्ण कड़ी है सीडी
विधानसभा नियुक्ति घोटाला में यह सीडी महत्वपूर्ण कड़ी है़ इसकी जांच से कई राज खुल सकते है़ं विधानसभा कर्मियों को तत्कालीन कमेटी ने भी बुला कर गवाही ली थी़ इसमें पैसे के लेन-देन का मामला सामने आया है़ उल्लेखनीय है कि सहायक में कई लोग नेता और राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों के सगे-संबंधी बताये जाते है़ं इनके तार नेताओं से जुड़े है़ं

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