रांची : आदिवासी सरना धर्म समाज के संयोजक लक्ष्मी मुंडा ने पहाड़ी मंदिर विकास समिति पर मंदिर के व्यवसायीकरण का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि समिति पर कुछ लोग हावी होकर इस धरोहर के साथ छेड़छाड़ अौर अतिक्रमण कर रहे हैं. पहाड़ी मंदिर पर्यावरण संरक्षण अौर पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होना चाहिए था.
लक्ष्मी ने शनिवार को मोरहाबादी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 23 जनवरी को रक्षामंत्री द्वारा सबसे ऊंचा झंडा फहराना गौरव की बात थी. पर अब तक पांच बार झंडा फट चुका है अौर अधूरा झंडा फहराकर राज्य को शर्मसार करने का काम किया गया है. उन्होंने कहा कि पहाड़ी मंदिर विकास समिति का गठन 1992 में तत्कालीन उपायुक्त सुधीर प्रसाद व अन्य द्वारा किया गया था.
पहाड़ी के विकास में स्थानीय युवकों व सभी तबकों की भूमिका थी. पर वर्तमान समय में समिति में सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है. यह मंदिर आदिवासी समाज के लिए भी आस्था का केंद्र रहा है. पुराने समय में इसे रिचीबुरु के नाम से जाना जाता था. लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि इस मामले को लेकर राजभवन के समक्ष धरना भी दिया जायेगा.