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छात्रों की संख्या कम, तो हटाये जायेंगे पारा शिक्षक

रांची: पारा शिक्षकों को वैसे विद्यालय से हटाया जायेगा, जहां बच्चों की संख्या निर्धारित मापदंड के अनुरूप नहीं है़ राज्य में काफी संख्या में ऐसे विद्यालय हैं, जहां बच्चों की संख्या के अनुपात में पारा शिक्षक अधिक है़ं पारा शिक्षकों की नियुक्ति विद्यालय विशेष के लिए होने के कारण उन्हें दूसरे विद्यालय में स्थानांतरित नहीं […]

रांची: पारा शिक्षकों को वैसे विद्यालय से हटाया जायेगा, जहां बच्चों की संख्या निर्धारित मापदंड के अनुरूप नहीं है़ राज्य में काफी संख्या में ऐसे विद्यालय हैं, जहां बच्चों की संख्या के अनुपात में पारा शिक्षक अधिक है़ं पारा शिक्षकों की नियुक्ति विद्यालय विशेष के लिए होने के कारण उन्हें दूसरे विद्यालय में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है़ एक पारा शिक्षक के लिए विद्यालय में कम-से-कम 40 विद्यार्थी का होना अनिवार्य है़ जहां निर्धारित मापदंड से बच्चों की संख्या काफी कम है, इसके बाद भी पारा शिक्षक कार्यरत है़ वैसे पारा शिक्षकों को विद्यालय चले,चलायें अभियान के तहत बच्चों की संख्या बढ़ाने को कहा गया है़.
बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं होने की स्थिति में पारा शिक्षक की सेवा समाप्त कर दी जायेगी़ इसके लिए राज्य भर के स्कूलों का सर्वे कराया जायेगा़ राज्य में वर्ष 2011 से पारा शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक है़ राज्य में पारा शिक्षकों की नियुक्ति अस्थायी रूप से एक अभियान के तहत ग्राम शिक्षा समिति के माध्यम से की गयी थी़ इसके लिए कोई परीक्षा नहीं हुई थी़ प्रारंभ में पारा शिक्षकों की नियुक्ति एक वर्ष के लिए अनुबंध पर हुई थी. सेवा संतोषजनक रहने पर अनुबंध आगे बढ़ाने का प्रावधान है. एक वर्ष बाद ग्राम शिक्षा समिति शिक्षक के कार्य की समीक्षा कर सकती है़ सेवा संतोषजनक नहीं होने पर समिति पारा शिक्षकों को हटाने की अनुशंसा कर सकती है. पर एक बार नियुक्त हो जाने के बाद पारा शिक्षकों को सामान्यत: हटाने की अनुशंसा समिति द्वारा नहीं की जाती है़ राज्य में लगभग 20 हजार उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय हैं, जिसका पठन-पाठन पारा शिक्षकों के भरोसे है़.
छात्रों की संख्या के आधार पर नियुक्ति
पारा शिक्षकों की नियुक्ति विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर होती है़ शिक्षकों की नियुक्ति अस्थायी रूप से एक अभियान के तहत की गयी थी़ पारा शिक्षकों की नियुक्ति ग्राम शिक्षा समिति द्वारा की गयी थी़.

उन्हें स्थायी करने का प्रावधान नहीं है. पारा शिक्षकों की नियुक्ति से पूर्व स्कूलों में छात्रों की संख्या का सर्वेक्षण किया जाता था़ छात्रों की संख्या के आधार पर आवश्यकता के अनुसार जिलास्तर से विद्यालय के नाम व आवश्यक शिक्षकों की संख्या के अनुरूप विज्ञापन जारी किया जाता था़ ग्राम शिक्षा समिति द्वारा योग्यता को प्राथमिकता देते हुए चयनित नामों की अनुशंसा प्रखंड शिक्षा समिति से की जाती थी़ समिति द्वारा अनुशंसित नामों की जांच के बाद ही नियुक्ति होती थी़

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