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13 हजार ट्यूबवेल की मरम्मत की जायेगी
1937 सामान्य व 1218 ग्रैवेल पैक्ड ट्यूबवेल रांची : सरकार ने पेयजल संकट को देखते हुए राज्य भर में 13 हजार खराब पड़े ट्यूबवेल की मरम्मत का आदेश दिया है. इसमें 11937 सामान्य ट्यूबवेल व 1218 ग्रैवेल पैक्ड ट्यूबवेल शामिल है. ट्यूबवेल की मरम्मत पर 82.69 करोड़ रुपये खर्च होंगे. ज्ञात हो कि मुख्य सचिव […]
1937 सामान्य व 1218 ग्रैवेल पैक्ड ट्यूबवेल
रांची : सरकार ने पेयजल संकट को देखते हुए राज्य भर में 13 हजार खराब पड़े ट्यूबवेल की मरम्मत का आदेश दिया है. इसमें 11937 सामान्य ट्यूबवेल व 1218 ग्रैवेल पैक्ड ट्यूबवेल शामिल है. ट्यूबवेल की मरम्मत पर 82.69 करोड़ रुपये खर्च होंगे. ज्ञात हो कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय योजना चयन समिति (एसएलएसएससी) ने 28 हजार ट्यूबवेल की मरम्मत की सहमति दी थी.
राज्य भर में गरमी व सूखे जैसी स्थिति से पीने के पानी की समस्या और बढ़ सकती है. एक अप्रैल 2015 को राज्य भर में खराब पड़े ट्यूबवेल को ठीक करने की मांग को देखते हुए राज्य स्तरीय समिति ने यह निर्णय लिया था. अप्रैल 2016 तक यह आंकड़ा और बढ़ने की बात कही जा रही है. पेयजल व स्वच्छता विभाग का यह निर्णय लंबे अंतराल के बाद आया है. इसके लिए प्रमंडलवार निविदा आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
पहले स्टेट प्लान से होता था ट्यूबवेल मरम्मत का काम : पहले राज्य योजना मद के पैसे से खराब पड़े ट्यूबवेल को ठीक करने का काम कराया जाता था़ स्टेट प्लान का पैसा विभाग की ओर से नवंबर 2015 में ही सरेंडर कर दिया गया. इसके पीछे यह दलील दी गयी कि राष्ट्रीय ग्रामीण जलापूर्ति कार्यक्रम के तहत खराब ट्यूबवेल की मरम्मत करायी जायेगी. पर राष्ट्रीय ग्रामीण जलापूर्ति कार्यक्रम से विभागीय अधिकारियों को सहयोग नहीं मिला. यह कहा गया कि एनआरडीडब्ल्यूपी से खराब पड़े ट्यूबवेल की मरम्मत का कोई प्रावधान ही नहीं है.
आपदा प्रबंधन विभाग से की जा रही फरियाद : खराब पड़े ट्यूबवेल की मरम्मत के लिए आपदा प्रबंधन विभाग से पैसे की मांग की गयी है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पूर्व में ही सूखे की स्थिति से निबटने के लिए अत्यधिक प्रभावित जगहों में ट्यूबवेल की मरम्मत व पीने के पानी की कमी नहीं होने देने का आदेश दिया था.
विभागीय मंत्री ने भी इसे नाकाफी बताया : विभागीय मंत्रीचंद्रप्रकाश चौधरी ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय कमेटी के निर्णयों का अक्षरश: पालन करने का निर्देश दिया था. हालांकि उन्होंने भी 13 हजार ट्यूबवेल की मरम्मत के आदेश को नाकाफी बताया है. उनका कहना था कि राज्य भर में 50 हजार से अधिक ट्यूबवेल ठीक नहीं हैं. इसे बदलने की आवश्यकता है.
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