रांची: बिना किसी गड़बड़ी के भाजपा की रैली शांतिपूर्ण रही. यह रांची पुलिस के लिए बड़ी सफलता है. नरेंद्र मोदी की संकल्प रैली की सुरक्षा और ट्रैफिक कंट्रोल की व्यवस्था हर स्तर पर चुस्त थी. सुरक्षा में बिना किसी चूक और शहर में जाम हुए बिना भाजपा की विजय संकल्प रैली संपन्न हो गयी. जितनी भी तरह की आशंकाएं जतायी जा रही थी, सभी निमरूल साबित हुई. जहां छोटी रैलियों में शहर में घंटों जाम लगता है, वहीं 29 दिसंबर की रैली में न जानेवालों को भी कोई परेशानी उठानी पड़ी और न ही शहर के लोगों को रैली की वजह से कोई परेशानी हुई. यह सब ऐसे ही नहीं हो गया.
डीजीपी राजीव कुमार और एडीजी स्पेशल ब्रांच रेजी डुंगडुंग का निर्देशन और एसएसपी भीमसेन टूटी, स्पेशल ब्रांच के एसपी मनोज सिंह, ट्रैफिक एसपी राजीव रंजन, सिटी एसपी मनोज रतन चोथे, ग्रामीण एसपी सुरेंद्र झा और हटिया डीएसपी निशा मुमरू का कठिन परिश्रम से यह सब संभव हो पाया. ये सभी अधिकारी करीब एक सप्ताह पहले से अचूक सुरक्षा-व्यवस्था व ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम बनाने में दिन-रात लगे हुए थे.
एक-एक सुझाव का पालन किया गया. हर प्वाइंट पर अलग-अलग तरीके से सोंच-विचार कर निर्णय लिया गया. भाजपा नेताओं द्वारा दी जानेवाली हर तरह की जानकारी को गंभीरता से लिया गया और उसके हिसाब से योजना तैयार की गयी. योजना ऐसी बनायी गयी कि अनुमान से 50 हजार अधिक भीड़ आने के बाद भी कहीं कोई परेशानी नहीं हुई. पुलिस ने व्यवस्था ही ऐसी की थी कि रैली का कोई वाहन शहर के भीतर प्रवेश हीं नहीं किया.
रिंग रोड होकर धुर्वा पहुंची और इसी रास्ते वापस भी हो गयी. हां, वापसी के वक्त रैली से लौटने वाले वाहन जरूर जाम में फंसे, पर आम लोगों को मिली राहत ने इस जाम को हावी नहीं होने दिया. किसी ने भी इसकी शिकायत नहीं की. अगर यही वाहन शहर में घुस जाता, तो पूरा शहर अस्त-व्यस्त होना तय था. पुलिस के काम की सराहना के साथ-साथ यह भी कहा जा रहा है कि अगर पुलिस सही तरीके से काम करे, हर तरह की चुनौती का मुकाबला कर सकती है.