महंगाई ने जीना मुहाल किया फोटो अमित दास व राज ने किया है. मध्यम वर्गीय परिवार, मजदूर से लेकर विद्यार्थी तक हैं परेशान संवाददाता, रांची महंगाई की मार ने आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. खाने-पीने के सामानों से लेकर बच्चों की बढ़ती स्कूल फीस ने हर लोगों को परेशान कर दिया है. रोज कमाने-खाने वाले मजदूर हों या मध्यमवर्गीय परिवार अथवा घर से बाहर रह कर पढ़ाई करनेवाले विद्यार्थी, सभी परेशान हैं. उनका बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है. अप्रैल माह शुरू होते ही उनकी यह परेशानी और बढ़ जाती है. हाथ में कुछ नहीं बच पाता : नीता देवी बैंक कॉलोनी निवासी नीता देवी का कहना है कि महंगाई ने परेशान कर दिया है. 18,000 रुपये की आय से किसी तरह घर चल पाता है. दो बेटी हैं. बड़ी बेटी ने 12वीं की परीक्षा दी है और छोटी बेटी इस बार 12वीं कक्षा में गयी है. हर माह रसोई के सामान में लगभग 4,000 रुपये लग जाते हैं. इसमें चावल और गेहूं गांव से ही मंगाती हैं. 1,050 रुपये दूध पर खर्च होता है. 1,500 रुपये सब्जी में खर्च होता है. एक बेटी पर हर माह 1,750 रुपये ट्यूशन फीस, स्कूल फीस में लगभग 500 रुपये चले जाते हैं. परेशानी उस समय और बढ़ जाती है, जब स्कूल में री-एडमिशन से लेकर कोचिंग में एकमुश्त पैसा देना पड़ता है. ऐसे समय में बिना कर्ज लिये काम नहीं चल पाता है. इस बार भी यही स्थिति है. गैस, केबल सहित अन्य खर्च अलग से है. स्कूटर में 1,000-1,200 रुपये तक का पेट्रोल लग जाता है. किसी तरह चलाता हूं काम : राजेश थड़पखना निवासी राजेश कुली का काम कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं. उनकी एक पत्नी और दो बेटे हैं. राजेश का कहना है कि पूरे माह में लगभग 20 दिन काम मिल पाता है. हर दिन 350-400 रुपये कमा लेते हैं. 400 रुपये के हिसाब से 20 दिन ही काम मिलता है, तो कुल 8,000 रुपये की कमाई हो पाती है. वे कहते हैं कि दोनों बच्चों को पास के स्कूल में पढ़ाता हूं. एक बच्चे पर 400 रुपये और दूसरे बच्चे पर 450 रुपये स्कूल फीस हर माह लगती है. 50-50 रुपये फीस बढ़ने वाली है. हर दिन किराना दुकान और सब्जी मिला कर 100-125 रुपये लग जाते हैं. किसी तरह घर चला पाते हैं. महंगाई लगातार बढ़ रही है, लेकिन उसके अनुसार आय नहीं बढ़ रही है. हर दिन बच्चे खाने-पीने के सामान के लिए अलग से जिद करते हैं. किसी दिन कुछ खरीदते हैं, तो किसी दिन डांट कर चुप करा देते हैं. घर का भाड़ा 1,500 रुपये लगता है. 20 तारीख के बाद होने लगती है परेशानी : गोपालगंज, चडरी में लॉज में रहनेवाले विद्यार्थी राजन रांची कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रहे हैं. उनका कहना है कि घर से हर माह 3,000 रुपये मिलते हैं. इनमें से 1,500 रुपये लॉज का रूम चार्ज, 800 से 1,000 रुपये खाने में खर्च हो जाते हैं. कॉलेज आने-जाने में 300-400 रुपये ऑटो के लिए खर्च हो जाते हैं. कॉलेज की फीस अलग है. किसी तरह पूरे माह खर्च चल पाता है. महीने के 20 तारीख के बाद काफी परेशानी होने लगती है. मिर्च-मसाला से लेकर हर सामान की कीमत में वृद्धि : खाद्य सामग्रियों में चीनी, तेल, आटा के अलावा मिर्च-मसाला की कीमतों में भी तेजी आयी है. पिछले माह की तुलना में इन सामानों में प्रति किलो में 20 से 30 रुपये की वृद्धि हुई है. काली मिर्च में 20 रुपये, सोयाबीन में पांच रुपये, काबली चना में 15 रुपये, सत्तू में आठ रुपये, धनिया में 10 रुपये प्रति किलो वृद्धि हो गयी है. खुदरा विक्रेता सुजीत कुमार ने बताया कि मिर्च-मसाला की कीमतों में तेजी का मुख्य कारण पैदावार में कमी होना है. सामान-अप्रैल-मार्च काली मिर्च-800-780जीरा-215-200धनिया-190-180सोयाबीन-80-75काबली चना-80-65गोटा लाल मिर्च-160-140 चना-60-54जालान सत्तू-116-108
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महंगाई ने जीना मुहाल किया
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