सुजीत कुमार केशरी
रांची के ओरमांझी प्रखंड के करमा गांव के आनंद प्रसाद गोप को 2011 में आर्मी और आइटीआइ से फीडर हीरा को नौकरी मिल गयी. प्रशिक्षित फुटबॉलर आनंद–हीरा वर्ष 2012 में एक गैर सरकारी संगठन से जुड़े और मुंबई के धारावी में स्लम एरिया के बच्चों को फुटबॉल सिखाने लगे. इसी दरम्यान दिल्ली में बाईचुंग भूटिया के फुटबॉल कोचिंग में 15 दिन का विशेष प्रशिक्षण लिया.
घर आते, तो बाल-विवाह का प्रचलन देख दुखी होते. दोनों ने इस कुरीति से लड़ने के लिए मुंबई से अप्रैल, 2013 में गांव लौटे. पांच महीने 15-20 गांवों में घूमे. चारी और हुजीर गांव की 13 लड़कियों कोफुटबॉल सीखने को लिए तैयार किया. अक्तूबर, 2013 से कांके के चारी-हुजीर मैदान में प्रशिक्षण शुरू हुआ.
यही लड़कियां अन्य लड़कियों के लिए प्रेरणा बनीं. देखते ही देखते लड़कियों की भीड़ लगने लगी. 29 महीने में 269 लड़कियां प्रशिक्षण लेने लगीं. आज बाल-विवाह रुक गये हैं. अभिभावक जबरदस्ती करें, तो लड़कियों की फौज खड़ी हो जाती है. इन लड़कियों ने घरों में व्याप्त व्यसन को भी दूर किया है. जेब खर्च से लड़कियां 10 रुपये बचा कर गरीब बेटियों की पढ़ाई पूरी करवाती हैं.
लड़कियों का प्रदर्शन अब जिला, राज्य, राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिखने लगा है. अलग-अलग राज्यों में खेलती हैं. पिठोरिया के हलदमा की हेमंती कुमारी जुलाई, 2016 में स्कॉटलैंड में होमलेस वर्ल्ड कप में खेलेगी. छह प्रशिक्षुओं (नेहा कुमारी, प्रियंका कच्छप, चिंतू कुमारी, आशा कुमारी, लक्ष्मी कुमारी और विभा कुमारी) ने अंडर 14 झारखंड टीम में जगह बनायी है.