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सारंडा के 15 प्रतिशत ग्रामीण मलेरिया की चपेट में

रांचीः सारंडा में मच्छरों की ताकत पूरे सिस्टम पर भारी है. सारंडा इलाके में करीब 15 फीसदी लोग मादा एनोफिलिस मच्छरों के काटने से होनेवाली बीमारी मलेरिया से प्रभावित मिले हैं. सुरक्षाकर्मियों सहित नक्सलियों के लिए भी यह आफत है. मनोहरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से संबद्ध विभिन्न स्वास्थ्य उप केंद्रों की रिपोर्ट की मानें, तो […]

रांचीः सारंडा में मच्छरों की ताकत पूरे सिस्टम पर भारी है. सारंडा इलाके में करीब 15 फीसदी लोग मादा एनोफिलिस मच्छरों के काटने से होनेवाली बीमारी मलेरिया से प्रभावित मिले हैं. सुरक्षाकर्मियों सहित नक्सलियों के लिए भी यह आफत है.

मनोहरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से संबद्ध विभिन्न स्वास्थ्य उप केंद्रों की रिपोर्ट की मानें, तो ऐसा कोई क्षेत्र नहीं, जो मलेरिया से अछूता हो. मनोहरपुर मलेरिया जोन के रूप में चिह्न्ति है. खास सारंडा क्षेत्र में 38527 लोग रहते हैं.

यहां 11 स्वास्थ्य उप केंद्र हैं. हालांकि आज भी ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां 12-14 किमी तक कोई स्वास्थ्य केंद्र या उप केंद्र नहीं है. जनवरी से दिसंबर (2012) तक सारंडा के 8264 ग्रामीणों के खून की जांच की गयी, जिसमें 1275 ग्रामीणों के खून धनात्मक (पॉजिटिव) पाये गये. यह संख्या जांच किये गये कुल लोगों की 15 फीसदी है. मलेरिया प्रभावितों का यह आंकड़ा अब भी बरकरार है. छोटा नागरा व जरायकेला सबसे ज्यादा मलेरिया प्रभावित इलाका हैं.

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