जिन निर्माता कंपनियों का सालाना टर्न ओवर छह करोड़ से अधिक होगा, केवल उनको ही एक फीसदी का उत्पाद शुल्क देना होगा. उन्होंने बताया कि एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगाये जाने के बाद भी जेवर निर्माता कंपनियों को राहत ही है. अन्य वस्तुओं के लिए 1.5 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाली कंपनियों को उत्पाद शुल्क देय होता है.
अन्य वस्तुओं की तुलना में देश के 14 राज्य ऐसे हैं, जो वैट के अलावा एक फीसदी उत्पाद शुल्क लेते हैं. केरल में पांच फीसदी शुल्क लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जेवर व्यवसायी उत्पाद शुल्क के संबंध में गलत अवधारण के शिकार हो गये हैं. व्यवसायियों को लगता है कि इंस्पेक्टर राज होगा, एक्साइज के अफसर तंग करेंगे, छोटे व्यवसायियों पर भी असर पड़ेगा, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है. केंद्रीय उत्पाद अधिकारियों को निर्माताओं के परिसर का दौरा नहीं करने का निर्देश दिया गया है. चांदी के जेवरों पर नया कर देय नहीं होगा. जॉब वर्क के आधार पर आभूषण निर्माण करने वाले शिल्पकारों या स्वर्णकारों को कोई पंजीकरण कराने, उत्पाद शुल्क देने या रिटर्न भरने की जरूरत नहीं है.