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राजू मंडल हत्याकांड: अपहरणकर्ताओं को चार से छह लाख रुपये दिये गये थे, फिरौती लेने के बाद भी मार डाला

अपहरण के बाद मार्बल व्यवसायी राजू मंडल की हुई हत्या के संबंध नित नये खुलासे हो रहे हैं. अब अपहरणकर्ताओं को फिरौती के रूप में परिजनों की ओर से चार से छह लाख रुपये देने की बात सामने आयी है. दूसरी ओर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए जाल […]

अपहरण के बाद मार्बल व्यवसायी राजू मंडल की हुई हत्या के संबंध नित नये खुलासे हो रहे हैं. अब अपहरणकर्ताओं को फिरौती के रूप में परिजनों की ओर से चार से छह लाख रुपये देने की बात सामने आयी है. दूसरी ओर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछा चुकी थी, लेकिन उससे पहले ही व्यवसायी की हत्या कर दी गयी.
रांची: मार्बल व्यवसायी राजू मंडल के परिवारिक सूत्रों के अनुसार अपहरणकर्ताओं को फिरौती के रूप में चार से छह लाख रुपये दिये गये थे. इसके बाद भी उनकी हत्या कर दी गयी. हालांकि परिजनों से एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गयी थी. परिवार के लोग पहले अपहरणकर्ताओं को फिरौती देने की बात से इनकार कर चुके हैं. उनका कहना था कि अगर मेरे पास रुपये होते तो उन्हें छुड़ा नहीं लिया होता. इससे यह प्रश्न उभर कर सामने आ रहा है कि फिरौती के रूप में पूरी रकम नहीं देने पर व्यवसायी की हत्या की गयी अथवा यह पूर्व नियोजित योजना का परिणाम था.

इधर, पुलिस अफसरों के अनुसार पुलिस अपहरणकर्ताओं तक पहुंच गयी थी़ पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने लिए जाल बिछा चुकी थी़, लेकिन इससे पहले ही अपराधियों ने राजू मंडल की हत्या कर दी. एसएसपी कुलदीप द्विवेदी के मुताबिक अभी तो दो अपहरणकर्ता गिरफ्तार हुए है़, लेकिन इनसे पूरी जानकारी नहीं मिल पायी है, गिरोह का सरगना अभय व अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद ही पूरी जानकारी मिल पायेगी. मई 2015 में गुमला के डॉ आरबी चौधरी का अपहरण भी इसी गिरोह ने किया था़ फिरौती वसूलने के बाद डॉक्टर की हत्या कर दी गयी थी़ उसी प्रकार राजू मंडल के परिजनों से भी फिरौती वसूलने के बाद उनकी हत्या कर दी गयी. गौरतलब है कि 29 फरवरी को पंडरा के फ्रेंडस कॉलानी निवासी शक्ति मार्बल एंड टाइल्स के संचालक राजू मंडल का अपहरण कर लिया गया था़ पांच मार्च को उनकी हत्या कर दी गयी थी़.
रांची व चतरा पुलिस ने की छापेमारी, पिपरवार से पांच हिरासत में, हथियार भी मिले
मार्बल व्यवसायी राजू मंडल का अपहरण और हत्या के मामले में रांची और चतरा पुलिस ने सोमवार को पिपरवार थाना क्षेत्र में छापामारी की. इस मामले में गिरफ्तार कामेश्वर उरांव व सरयू महतो की निशानदेही पर पुलिस ने पिपरवार क्षेत्र से कुछ हथियार भी बरामद किये हैं. पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में भी लिया है. हालांकि पुलिस के अधिकारियों ने इस खबर की पुष्टि नहीं की है. सूत्रों के मुताबिक जिन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है, उन्हें रांची में लाकर पूछताछ की जा रही है. पुलिस हर हाल में अभय उर्फ धनंजय को पकड़ना चाह रही है. पकड़े गये लोगों में से कुछ के संबंध उग्रवादी संगठन टीपीसी से होने की बात भी सामने आयी है. उल्लेखनीय है कि इस मामले में गिरफ्तार कामेश्वर उरांव पहले टीपीसी संगठन के लिए काम करता था. हालांकि रविवार को उसने पुलिस को बताया था कि अब संगठन से उसका कोई नाता नहीं है.
शहर में अपराध रोकने के लिए पुलिस अलर्ट नहीं
रांची में मार्बल व्यवसायी राजू मंडल का अपहरण व फिर हत्या में अभय का नाम आना और 27 जनवरी को बोकारो में सूचना रहने के बाद भी रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र सिंह की हत्या की घटना यह बताती है कि राज्य पुलिस अपराध को रोकने के लिए अलर्ट नहीं है. चोरी की घटना पर रोक लगाने की मांग पर मुख्यमंत्री कहते हैं कि सीसीटीवी लगाइये. यहां सवाल यह है कि जिन घटनाओं में सीसीटीवी फुटेज मिले, उसका भी खुलासा पुलिस क्यों नहीं कर सकी.
सूचना थी, होनेवाली है रेलवे ठेकेदार की हत्या : 27 जनवरी को अपराधियों ने बोकारो में सेक्टर-नौ निवासी रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र सिंह की हत्या गोली मार कर कर दी. अपराधियों की गोली से उनका साला रमेश सिंह उर्फ राजू भी घायल हो गया. हत्या में अमरेंद्र तिवारी गुट का हाथ बताया जाता है. वीरेंद्र सिंह की हत्या करने की योजना तैयार की गयी है, इसकी जानकारी बोकारो पुलिस को पहले से दे दी गयी थी. सुरक्षा एजेंसियों ने इसकी रिपोर्ट बोकारो के एसपी को भेजी थी, लेकिन बोकारो की पुलिस ने वीरेंद्र सिंह की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया और अपराधी उनकी हत्या करने में सफल रहे. बाद में बोकारो पुलिस ने इस मामले को दो गिरोह के बीच वर्चस्व की लड़ाई का परिणाम बताने की भी कोशिश की. इस मामले की जानकारी पुलिस मुख्यालय के सभी जिम्मेदार अधिकारियों को है, लेकिन आज तक किसी भी स्तर से बोकारो एसपी से यह नहीं पूछा गया कि सूचना रहते हुए हत्या कैसे हो गयी.
दस माह में क्यों नहीं पकड़ाया अभय : मार्बल व्यवसायी राजू मंडल का अपहरण और फिर हत्या के मामले में अपराधी अभय का नाम सामने आया है. इसी अभय उर्फ धनंजय उर्फ कृष्णमोहन उर्फ कालू झा ने मई 2015 में गुमला के चिकित्सक आरबी चौधरी का अपहरण कर लिया था. तब भी उसने फिरौती वसूलने के बाद उनकी हत्या कर दी थी. इस घटना के दस माह बीतने के बाद भी पुलिस अभय को नहीं खोज सकी. न ही किसी भी स्तर से उस पर नजर ही रखा गया था. गुमला में चिकित्सक की हत्या के बाद यह सवाल उठा था कि जब 23 फरवरी को अभय जेल से निकला, तो पुलिस ने उस पर नजर क्यों नहीं रखी. अगर पुलिस उस पर नजर रखती, तो वह अपहरण व हत्या की घटना को अंजाम नहीं दे पाता. घटना के बाद पुलिस अभय को भूल गयी. डॉ आरबी चौधरी व मार्बल व्यवसायी राजू मंडल की हत्या में एक बात सामान्य है कि दोनों घटना में अपराधी ने फिरौती वसूलने के बाद भी अपहृत की हत्या कर दी. दूसरी यह कि अपहृत का शव मिलने के कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने घटना में शामिल दो-दो अपराधियों को गिरफ्तार किया.
केस : एक
नरेश साहू हत्याकांड में अब भी गिरफ्तारी नहीं
19 फरवरी को तीन अपराधियों ने पावर हाउस चौक के पास जमीन कारोबारी नरेश साहू उर्फ छोटू के सिर में गोली मार कर हत्या कर दी. छोटू साहू के परिजनों ने घटना का सीसीटीवी फुटेज पुलिस को उपलब्ध कराया, जिसमें अपराधी गोली मार कर भागते देखे जा रहे हैं. फिर भी पुलिस अब तक अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर पायी है.
केस : दो
नहीं पकड़े गये चावला पर हमला करनेवाले
पिछले साल अपराधियों ने शराब व्यवसायी अनूप चावला को मेन रोड, कडरू मोड़ के पास दुकान में घूस कर गोली मार दी थी. घटना के बाद अपराधी आराम से डोरंडा की तरफ निकल गये. इस घटना में भी अनूप चावला के परिवार को लोगों ने पुलिस को सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराया, पर अपराधी अब तक नहीं पकड़े गये.
केस : तीन
लूट के मामले में नहीं पकड़े गये अपराधी
पिछले दिनों रातू थाना क्षेत्र में जएमएम जिला अध्यक्ष व ठेकेदार लाल मोतीनाथ शाहदेव से अपराधियों ने 6.50 लाख रुपये लूट लिये थे. पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हुई थी. फुटेज पुलिस अधिकारियों को उपलब्ध कराये गये. इसमें अपराधी मोटसाइकिल पर चलाते हुए हाथ में हथियार लिये हुए है, लेकिन पुलिस अपराधी तक नहीं पहुंच सकी.

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