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पुलिस को मिली नयी जानकारी
रांची : एचईसी के श्रमिक नेता राणा संग्राम के पुत्र जसवंत की हत्या और राणा प्रताप पर जानलेवा हमला की घटना में पुलिस को अनुसंधान के दौरान नयी जानकारी मिली है. पुलिस को पता चला कि हत्या के आरोप से बचने लिए वंश नारायण सिंह अपने एक पुत्र के साथ सीसीटीवी लगे मॉल में कपड़ा […]
रांची : एचईसी के श्रमिक नेता राणा संग्राम के पुत्र जसवंत की हत्या और राणा प्रताप पर जानलेवा हमला की घटना में पुलिस को अनुसंधान के दौरान नयी जानकारी मिली है. पुलिस को पता चला कि हत्या के आरोप से बचने लिए वंश नारायण सिंह अपने एक पुत्र के साथ सीसीटीवी लगे मॉल में कपड़ा खरीदने के लिए सुबह 10: 30 बजे पहुंचे थे. सीसीटीवी लगे मॉल में कपड़ा खरीदने के लिए जाना सुनियोजित योजना का परिणाम था. इसलिए उन्हाेंने मॉल की एक दुकान से सिर्फ दो अंडर गार्मेंट खरीदे.
दुकान में लगी सीसीटीवी की ओर वंश नारायण सिंह और उनके पुत्र ने देखा, ताकि दोनों का फुटेज सीसीटीवी कैमरा में स्पष्ट दिखे. इसके बाद वंश नारायण सिंह अपने घर पहुंचे और पुत्र को घर में छोड़ कर खुद कॉलेज के लिए रवाना हो गये. कॉलेज में हाजिरी बनायी. इसके अलावा राजू, जिसे पुलिस हत्या की घटना में षड्यंत्रकारी होने के आरोप में पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है, वह भी हत्या के आरोप से बचने के लिए बिहार में एक प्रतिबंधित रैली कर खुद को गिरफ्तार कराया था.
उल्लेखनीय है कि धुर्वा गोलचक्कर के समीप नौ अक्तूबर को जसवंत सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी, जबकि राणा प्रताप सिंह पर भी जानलेवा हमला कर किया गया था. पुलिस हत्या की घटना में शामिल होने के आरोप में अमर सिंह और उसके चालक को गिरफ्तार कर घटना के दूसरे दिन जेल भेज दिया था.
घटना को लेकर राणा प्रताप सिंह की शिकायत पर ही धुर्वा थाना में केस दर्ज किया गया था. प्राथमिकी में हत्याकांड में शामिल होने का आरोप अमर सिंह, उसके चालक, वंश नारायण सिंह और उनके दो पुत्र और दो अज्ञात पर लगाया गया था. घटना के बाद जांच के दौरान पुलिस को वंश नारायण ने स्वयं और पुत्र के निर्दोष होने से संबंधित साक्ष्य दिये थे.
पुलिस की जांच में अब यह स्पष्ट हो गया कि घटना के दौरान वंश नारायण अपने दो पुत्र के साथ घटना स्थल पर नहीं थे, लेकिन प्राथमिकी में उन्हें घटना स्थल पर उपस्थित होना दिखाया गया था.
इसलिए पुलिस अब उनकी संलिप्तता को एक षड्यंत्रकारी के रूप में मान कर आगे की जांच कर रही है. फिलहाल पुलिस ने जांच रिपोर्ट में वंश नारायण सिंह को हत्याकांड में षड्यंत्रकारी होने रूप में दोषी करार नहीं दिया है, लेकिन उनके षड्यंत्रकारी होने से संबंधित साक्ष्य एकत्र कर लिये हैं.
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