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386 पद की जगह 100 सीअाइ से चल रहा काम
रांची : राज्य के 250 अंचल कार्यालय, जिलों के भू-अर्जन कार्यालय समेत संबंधित अन्य कार्यालयों का काम सिर्फ 100 अंचल निरीक्षकों के भरोसे चल रहा है. यही हाल हलका कर्मचारियों का भी है. राज्य में करीब 1500 हलका कर्मचारियों की जरूरत है, लेकिन यहां करीब 850 हलका कर्मचारियों से ही काम चलाया जा रहा है. […]
रांची : राज्य के 250 अंचल कार्यालय, जिलों के भू-अर्जन कार्यालय समेत संबंधित अन्य कार्यालयों का काम सिर्फ 100 अंचल निरीक्षकों के भरोसे चल रहा है. यही हाल हलका कर्मचारियों का भी है. राज्य में करीब 1500 हलका कर्मचारियों की जरूरत है, लेकिन यहां करीब 850 हलका कर्मचारियों से ही काम चलाया जा रहा है.
इससे काम पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. यहां अंचल कार्यालयों के साथ ही भू-अर्जन सहित भू-राजस्व के अन्य कार्यालयों को मिला कर अंचल निरीक्षकों के कुल 386 पद हैं. इसके विरुद्ध 286 पदों पर सीआइ नहीं है. कई अंचल बिना अंचल निरीक्षक के ही चल रहा है. रांची जिले के भी आधे से अधिक अंचलों में सीआइ नहीं हैं. कई जगहों पर वरीय कर्मचारी को सीआइ का प्रभार दिया गया है. यही स्थिति जिला स्तरीय कार्यालयों की भी है. दूसरी ओर एक-एक हलका कर्मचारियों को दो या तीन हलका का काम संभालने के लिए दे दिया गया है. सरकार ने पुरानी रिक्तियों को देखते हुए 557 कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए कर्मचारी चयन आयोग को अधियाचना भेजी है. पर अभी तक इसमें कुछ नहीं हुआ है.
क्या हो रहा है असर
सीआइ व हलका कर्मचारियों की कमी का असर जमीन व राजस्व से संबंधित कार्यों पर पड़ रहा है. अंचल कार्यालयों में समुचित मैन पावर नहीं होने के कारण जमीन व राजस्व संबंधी कार्य प्रभावित है.
बढ़ा काम, नहीं बढ़े कर्मी
राज्य गठन से लेकर अब तक करीब 58 अंचल बढ़े हैं. इसकी संख्या 210 से बढ़ कर 268 हो गयी, पर कर्मियों की संख्या नहीं बढ़ी. कर्मचारी व सीआइ की संख्या उतनी ही रह गयी. इतना ही नहीं रिटायर होने पर इनकी संख्या में और कमी होती जा रही है.
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