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योजना में गड़बड़ी हुई लक्ष्य भी पूरा नहीं हुआ
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है. कई बार इसमें गड़बड़ी भी उजागर हुई है. 2013-14 में सिर्फ 50 फीसदी ही काम हुआ. तीन वर्षों में 2003 किमी सड़क का काम बच गया प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गड़बड़ियां तो हुई ही, सड़कों की योजना का लक्ष्य भी पूरा नहीं हुआ. […]
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है. कई बार इसमें गड़बड़ी भी उजागर हुई है. 2013-14 में सिर्फ 50 फीसदी ही काम हुआ.
तीन वर्षों में 2003 किमी सड़क का काम बच गया
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गड़बड़ियां तो हुई ही, सड़कों की योजना का लक्ष्य भी पूरा नहीं हुआ. तीन वर्षों के दौरान जो भी लक्ष्य तय किये गये थे, वे पूरे नहीं हुए. हर साल विभाग लक्ष्य से पीछे रहा. वित्तीय वर्ष 2013-14 में तो विभाग ने 50 फीसदी ही काम किया. यानी आधा काम लटका रह गया. नतीजतन केवल तीन साल में 2003 किमी सड़क का काम बचा रह गया. इसमें से कुछ सड़कों का काम अगले वर्षों में पूरा किया गया. इनमें से बड़ी संख्या में ऐसी योजनाएं हैं, जो अभी भी लटकी हुई हैं.
सड़क बनानेवाली एजेंसी उग्रवाद का रोना रोती रही
गुमला, सिमडेगा, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, चतरा, पलामू आदि जिलों में सड़क बनानेवाली एजेंसी उग्रवाद का रोना रोती रही. उग्रवाद की वजह से काम नहीं हो पाने की स्थिति से सरकार को अवगत कराती रही. कई जगहों पर उग्रवादी घटनाएं हुई भी, पर सरकार के स्तर पर ऐसी कार्रवाई नहीं हुई कि काम हो सके.
तीन वर्षों के कार्यों की जांच का हुआ आदेश
अलग-अलग माध्यमों से पीएमजीएसवाइ में हुई गड़बड़ियों का मामला सामने आता रहा है. विधानसभा की कमेटी ने भी गड़बड़ी पकड़ी थी. इसके बाद ही सरकार ने तीन वर्षों के दौरान हुए कार्यों की जांच का आदेश एसीबी से कराने का फैसला लिया है.
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