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एसीबी की कार्रवाई: मुआवजा देने में लाभुकों से कमीशन लेने का मामला, बैंक मैनेजर आैर नाजिर गिरफ्तार

दोनों के खिलाफ आरंभिक जांच में करीब चार करोड़ रुपये के मुआवजा घोटाले में शामिल होने का आरोप सही पाया गया था. इसको लेकर एसीबी चीफ मुरारी लाल मीणा के निर्देश पर दोनों की गिरफ्तारी का आदेश एसीबी के प्रभारी एसपी आलाेक ने डीएसपी प्राणरंजन को दिया था. एसपी के निर्देश पर शुक्रवार को डीएसपी […]

दोनों के खिलाफ आरंभिक जांच में करीब चार करोड़ रुपये के मुआवजा घोटाले में शामिल होने का आरोप सही पाया गया था. इसको लेकर एसीबी चीफ मुरारी लाल मीणा के निर्देश पर दोनों की गिरफ्तारी का आदेश एसीबी के प्रभारी एसपी आलाेक ने डीएसपी प्राणरंजन को दिया था. एसपी के निर्देश पर शुक्रवार को डीएसपी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.
रांची/ कोडरमा : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक दिलीप कुमार मजूमदार और निलंबित नाजिर नवलेश को गिरफ्तार किया है. इन पर कोडरमा में रेलवे लाइन निर्माण के नाम पर जमीन अधिग्रहण के बदले मुआवजा राशि में घोटाले का आरोप है. दिलीप की गिरफ्तारी बैंक से हुई, जबकि नवलेश को जिला समहारणालय के सामने से गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी के बाद दोनों को एसीबी मुख्यालय रांची लाया गया, जहां उनसे पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
घर में ही खुल जाता था खाता, निकाल ली जाती थी राशि : एसीबी को शिकायत मिली थी कि रेल लाइन निर्माण में चंदवारा मौजा के कुछ जमीन मालिकों की जमीन अधिगृहित की गयी है़ करीब 52 एकड़ जमीन का मुआवजा देने के नाम पर करोड़ों रुपये कमीशन/रिश्वत वसूला गया है. चंदवारा की ही सुषमा देवी व अन्य सात आठ लोगों ने इस संबंध में शिकायत की थी. इसके बाद सात जनवरी को नवलेश कुमार के यहां छापामारी कर दस्तावेज व अन्य सामान जब्त किये गये थे. साथ ही 4.30 लाख नकद व कई बैंक खाते, आभूषण भी मिले थे. जांच में सामने आया था कि लाखों रुपये का कमीशन लाभुक के जरिए नहीं ली जाती थी, बल्कि बैंक से यह राशि सीधे निकाल ली जाती थी़ यही नहीं लाभुकों का खाता नवलेश के घर में ही खुलता था. एसीबी की टीम ने उस समय बीओआइ व एक्सिस बैंक के शाखा में भी छापामारी की थी. बाद में बीओआइ के शाखा प्रबंधक के संबंध में खुलासा हुआ कि वे दो प्रतिशत कमीशन लेते थे.
सीसीटीवी से मिले थे ब्रांच मैनेजर की संलिप्तता के साक्ष्य
रेलवे लाइन निर्माण के एवज में जिन रैयतों का जमीन अधिग्रहण किया गया था. उन्हें मुआवजा देने के लिए रैयतों के नाम पर बैंक ऑफ इंडिया में खाता खुलवाया था. रैयतों से बैंक में ही रुपये निकासी से संबंधित स्लिप पर हस्ताक्षर करवा कर रख लिया जाता था. इसके बाद 20 से 26 प्रतिशत कमीशन की राशि काट कर रैयतों को मुआवजा राशि दी जाती थी. कमीशन में मिले रुपये ब्रांच मैनेजर आॅफिस के दराज में रखते थे. नवलेश समय- समय पर वहां जाता और रुपये लेकर निकल जाता. इस बात की पुष्टि जांच के दौरान बैंक में लगे सीसीटीवी फुटेज से हुई थी. इसलिए रैयतों से कमीशन लेने के मामले में नवलेश के साथ बैंक मैनेजर को दोषी पाया गया था. नवलेश ने भी पूछताछ में बैंक मैनेजर की संलिप्तता की जानकारी एसीबी के अधिकारियों को दी थी.
अन्य लोगों की संलिप्तता पर भी जांच जारी है
जांच में दोनों के खिलाफ आरोप सही पाये जाने पर दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. अन्य लोगों की संलिप्तता पर जांच जारी है. जांच पूरी होने पर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
आलोक कुमार, प्रभारी एसपी, एसीबी

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