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विधानसभा: राज्य के कुल योजना आकार में कृषि बजट की भागीदारी 13.07 प्रतिशत, 4845.72 करोड़ का कृषि बजट पेश

कृषि मंत्री रणधीर कुमार सिंह ने गुरुवार को विधानसभा में राज्य का पहला कृषि बजट पेश किया. इसमें कृषि क्षेत्र के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बना कर किसानों को हर तरह की जानकारी उपलब्ध कराने की बात कही गयी है. अन्य कई घोषणाएं भी इसमें की गयी. रांची : झारखंड सरकार ने 4845.72 करोड़ रुपये […]

कृषि मंत्री रणधीर कुमार सिंह ने गुरुवार को विधानसभा में राज्य का पहला कृषि बजट पेश किया. इसमें कृषि क्षेत्र के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बना कर किसानों को हर तरह की जानकारी उपलब्ध कराने की बात कही गयी है. अन्य कई घोषणाएं भी इसमें की गयी.
रांची : झारखंड सरकार ने 4845.72 करोड़ रुपये का कृषि बजट पेश किया. इस राशि में कृषि क्षेत्र के लिए 2426.40 करोड़ और सिंचाई क्षेत्र के लिए 2419.32 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. कृषि बजट में जल संसाधन, ग्रामीण विकास, कल्याण और ऊर्जा विभाग द्वारा कृषि से जुड़े कार्यों पर किये जानेवाले खर्च को संबंधित विभागों से काट कर कृषि बजट में शामिल किया गया है.
जैविक खेती को प्रोत्साहित करने की योजना बनायी गयी है. गढ़वा,कोडरमा, देवघर, रांची, पलामू और लातेहार में सिंचाई सुविधा बढ़ाने के लिए नदी का पानी लिफ्ट करने और डैम बनाने की बात कही गयी है. राज्य की भौगलिक स्थिति के मद्देनजर ट्रैक्टर के बदले पावर टीलर वितरण की योजना बनायी गयी है. जिन क्षेत्रों में बिजली नहीं है, उस क्षेत्र के किसानों को अनुदान पर सोलर पंप देने की योजना है.

राज्य के कुल योजना आकार(37065.35 करोड़) में कृषि बजट की भागीदारी 13.07 प्रतिशत सुनिश्चित की गयी है. सिंगल विंडो सिस्टम के तहत प्रखंड स्तर तक के किसानों को क्रेडिट कार्ड, फसल बीमा, खाद, बीज आदि की जानकारी उपलब्ध करायी जायेगी. किसानों को जैविक खेती की तकनीक उपलब्ध कराने का उद्देश्य से ‘ओफाज’ नामक संस्था बनाया जायेगा. साथ ही वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक की अवधि में 100 पंचायतों को जैविक पंचायत के रूप में विकसित किया जायेगा. कृषि पर बल देने के उद्देश्य से कृषि प्रक्षेत्र के लिए सरकार ने 2016-17 के लिए 1638.26 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. सरकार ने पशुपालन और मछली पालन को ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर करने और ग्रामीणों के आय वृद्धि के वैकल्पिक स्रोत के रूप में इस्तेमाल करने की योजना बनायी है. इसके तहत अंडा, मीट और मछली के उत्पादन को बढ़ाया जायेगा. दूध उत्पादन बढ़ाने का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है. हरे चारे के उत्पादन बढ़ाने की योजना बनायी गयी है. सरकार ने पशुपालन प्रक्षेत्र के लिए 207.96 करोड़ रुपये व मत्स्य प्रक्षेत्र के लिए118.18 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.
सिंचाई सुविधा बढ़ाने का लक्ष्य तय
राज्य मेे सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है. इसके तहत गढ़वा में डोमनी नाला बराज का निर्माण कराया जायेगा. कोडरमा के तिलैया डैम से पानी लिफ्ट कर 2868 हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. लातेहार में दहारबाटी वीयर योजना शुरू की जायेगी. बुढ़ई नदी पर जलाशय बनाया जायेगा. इससे देवघर जिले में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी. रांची जिले के बुंडू ,तमाड़,सोनाहातु और अड़की प्रखंड के 125 गांवों में सिंचाई सुविधा कराने के उद्देश्य से कांची वीयर हाउस योजना शुरू की जायेगी. इसके अलावा 773 चेक डैम बनाने और पांच एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले तालाबों को और गहरा किया जायेगा. सोन और गंगा नदी के पानी को लिफ्ट कर पलामू,गढ़वा,लातेहार और संतालपरगना में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. बारिश की पानी को रोकने के लिए हर खेत में डोभा बनाया जायेगा. किसानों को अनुदान पर सोलर पंप दिया जायेगा. सोलर पंप की लागत का 30 प्रतिशत केंद्र सरकार, 60 प्रतिशत राज्य सरकार और 10 प्रतिशत लाभुक द्वारा भुगतान किया जायेगा. केंद्र सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 275(1) के तहत मिलनेवाली अनुदान की राशि से एससी और एसटी की अधिक आबादीवाले क्षेत्र में माइक्रो लिफ्ट से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी.
बजट की खास बातें
सिंगल विंडो सिस्टम लागू होगा, प्रखंड स्तर तक खेती से संबंधित सभी प्रकार की सूचनाएं दी जायेंगी
ट्रैक्टर के बदले पावर टीलर का इस्तेमाल किया जायेगा
जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जायेगा. इसके लिए ओफाज का गठन किया जायेगा
राज्य की 100 पंचायतों को जैविक पंचायत बनाया जायेगा
पशुपालन व मत्स्य
पशुपालन को आय वृद्धि योजनाओं से जोड़ा जायेगा
अंडा और मीट का उत्पादन बढ़ेगा
दूध उत्पादन को वैकल्पिक आय के स्रोत के रूप में विकसित किया जायेगा
राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में मछली पालन के वैकल्पिक आय के स्रोत के रूप में विकसित किया जायेगा
सिंचाई प्रक्षेत्र
गढवा डोमनी नाला बराज योजना का काम शुरू किया जायेगा.
कोडरमा के तिलैया डैम से पानी लिफ्ट कर 2868 हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई सुविधा दी जायेगी.
लातेहार में दहारबाटी वीयर योजना शुरू की जायेगा.
देवघर में बुढ़ई नदी पर जलाशय बनाया जायेगा.
रांची में राढ़ू नदी पर जलाशय बनाया जायेगा.
रांची में कांची वीयर योजना शुरू की जायेगी. इससे बुंडू,तमाड़,सोनाहातू और अड़की के 125 गांवों में सिंचाई सुविधा मिलेगी
773 चेक डेमों का निर्माण कराया जायेगा. पांच एकड़ क्षेत्र से बड़े तालाबों को गहरा किया जायेगा.
सोन और गंगा नदी के पानी को लिफ्ट कर पलामू,गढ़वा,लातेहार और संतालपरगना में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी
32000 गांवों के लिए श्रम बजट बनाया जायेगा.
नीरांचल जलछाजन योजना में वैज्ञानिक पक्ष बढ़ाया जायेगा.
जिन क्षेत्रों में बिजली नहीं है, उन क्षेत्रों के किसानों के अनुदान पर सोलर पंप मिलेगा

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