इस बार बजट में जो बातें आयी है उससे साफ हो रहा है कि खाद्य आपूर्ति व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए राज्य सरकार ने काफी कुछ सोच रखा है. व्यवस्था में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके भ्रष्टाचार को रोकने की कोिशश की गयी है. योजना के लाभ से छुट गये लाभुकों को नये सिरे से जोड़ने की भी बात हो रही है. गांवों और पंचायतों में लोगों को कैसे रोजगार मिले, इसे लेकर भी सरकार ने इच्छाशक्ति दिखायी है. अब इनका क्रियान्वयन सुिनश्चित करना होगा.
खुले में शौच से मुक्त होगा झारखंड
रांची: पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के बजट में ज्यादा इजाफा तो नहीं किया गया है. पर सरकार ने यह संकेत जरूर दिया है कि इस साल खुले में शौच से मुक्त मिल जायेगी. कहा गया है कि कम से कम एक जिले को खुले में शौच से मुक्त किया जायेगा. साथ ही 75 प्रखंडों की 700 पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त किया जायेगा. राज्यभर में 50 फीसदी इलाके को स्वच्छता से पूर्ण किया जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. विभाग द्वारा नमामि गंगे परियोजना के तहत साहिबगंज जिले में बाढ़ प्रभावित पांच गांवों के साथ-साथ कुल 78 गांवों में यूएनडीपी द्वारा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का काम किया जायेगा. वर्तमान में राज्यभर के 22.86 प्रतिशत इलाकों में पाइप जलापूर्ति योजना है. इसे बढ़ाकर 25 से 30 प्रतिशत तक किया जाना है. बचे हुए 19 प्रखंड मुख्यालयों में पाइप जलापूर्ति योजना का निर्माण इस वित्तीय वर्ष में किया जायेगा. पलामू, खूंटी, चतरा, सिमडेगा, गोड्डा, जामताड़ा, गढ़वा व पाकुड़ जिलों में पाइप जलापूर्ति 10 फीसदी से भी कम है. यहां प्राथमिकता के आधार पर काम करने की प्रतिबद्धता सरकार ने जतायी है. सभी विधानसभा एवं संसदीय क्षेत्रों में एक पाइप जलापूर्ति योजना ली जायेगी. साथ ही एससी-एसटी आबादी वाले पंचायतों में हर जिले के कम से कम एक पंचायत में पाइप जलापूर्ति योजना आरंभ की जायेगी. आदिम जनजाति के टोलों में सौर ऊर्जा या बिजली चालित पाइप जलापूर्ति योजना आरंभ की जायेगी. आर्सेनिक-फ्लोराइड प्रभावित टोलों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के िलए 800 डीफ्लोराइजेशन यूिनट लगाने की योजना सरकार ने स्वीकृत कर ली है.
गांवों, पंचायतों के लिए
अब बनेगा श्रम बजट
वरीय संवाददाता, रांची
राज्य के सभी 32 हजार गांवों और 4402 पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए मनरेगा योजनाअों का चयन कर श्रम बजट बनाने की कार्रवाई चल रही है. ग्रामीण विकास विभाग के तहत सरकार योजना बनाअो कार्यक्रम संचालित हो रही है. इसका मकसद स्थानीय लोगों की जरूरतों के मुताबिक विकास कार्य का चयन करना है.
इसके तहत ग्रामसभा में चर्चा कर उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन व आजीविका में वृद्धि के दृष्टिकोण से गांव में ही छोटी-छोटी योजनाअों का चयन हो रहा है. इन योजनाअों में भूमि समतलीकरण, मेढ़बंदी, डोभा, पोखर, तालाब, कुआं और अन्य संरचनाओं का निर्माण शामिल है.
इनकी सहायता से जल संचय तथा बकरी व मुर्गी शेड निर्माण जैसी आजीविका मूलक कार्यों पर बल दिये जा रहे हैं. इसके अलावा राज्य में व्याप्त सुखाड़ की स्थिति तथा इसके प्रभाव से कृषि कार्य पर पड़नेवाले विपरित प्रभाव के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में पारिश्रमिक रोजगार (वेज इंप्लॉयमेंट) की मांग में वृद्धि की संभावना के मद्देनजर जल संरक्षण व जल संचयन जैसी योजनाअों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. वित्तीय वर्ष 2016-17 में दो हजार किमी ग्रामीण पथ निर्माण का लक्ष्य है. इन सड़कों के बन जाने से ढाइ सौ से अधिक आबादीवाले लगभग 700 बसावट और 500 से अधिक आबादी वाले लगभग 200 बसावट, मतलब कुल 900 बसावटों को सड़क से जोड़ा जा सकेगा. पीएमजीएसवाई योजना के तहत भी 4500 किमी नयी सड़क का निर्माण प्रस्तावित है. इनके बन जाने से 2266 बसावट पक्की सड़कों से जुड़ जायेंगी.
छह माह में 18 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का है प्रावधान
रांची: वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट में राज्य के उच्च विद्यालय में 18 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की घोषणा की गयी है़ बजट में मदरसों के आधुनिकीकरण व सुदृढ़ीकरण करने की घोषणा हुई है. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के बजट में बजटीय परामर्श के तहत मिले सुझावों को शामिल किया गया है़ हाई स्कूल की आधारभूत संरचना को मजबूत करने, कंप्यूटर शिक्षा व स्मार्ट क्लास शुरू करने की बात बजट में कही गयी है़ स्कूलों में बेंच-डेस्क, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, बिजली की सुविधा व राज्य के जिला स्कूलों के सुदृढ़ीकरण की घोषणा भी हुई है. सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को एलइडी सोलर स्टडी लैंप नि:शुल्क दिये जायेंगे. स्कूलों में अतिरिक्त पोषण कार्यक्रम के तहत जो बच्चे अंडा नहीं लेते हैं, उन्हें पौष्टिक दूध दिये जायेंगे. प्रथम चरण में इस योजना की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तहत रांची में होगी. वर्ष 2016-17 में सभी विद्यालयों में बेंच-डेस्क समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी. स्कूलों में प्रयोगशाला, पुस्तकालय एवं अन्य आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था की जायेगी. कक्षा नौवीं से 12वीं तक की सभी कोटि की छात्राओं को नि:शुल्क पोषाक, किताब, कॉपी देने की योजना को स्वीकृति दी गयी है. इससे राज्य में बालिका शिक्षा को बढावा मिलेगा. कस्तूरबा बालिका विद्यालय में कक्षा आठ की छात्राओं को टैब दिया गाय है. स्कूलों में व्यायामशाला बनेगी. 57 प्रखंडों में कस्तूरबा विद्यालय की तर्ज पर बालिका आवासीय स्कूल खोलने की योजना है.
कंप्यूटराइज्ड होगी आपूर्ति व्यवस्था, पैसे जायेंगे खाते में
रांची: खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता विभाग ने पीडीएस सिस्टम को दुरुस्त करने पर ध्यान दिया है. पूरी तरह से सिस्टम को कंप्यूटरीकृत करने का प्रयास है. अंत्योदय के तहत इस वर्ष छूटे हुए परिवारों को श्वेत राशन कार्ड दिये जायेंगे. इन्हें केरोसिन भी मिलेगा. केरोसिन वितरण में लिकेज रोकने के लिए छह जिलों (चतरा, गिरिडीह, पूर्वी सिंहभूम, खूंटी, हजारीबाग व पश्चिमी सिंहभूम) में राशि सीधे लाभुकों के बैंक खातों में जायेगी.
लाभुक परिवार को एक रुपये किलो डबल फोर्टिफाइड आयोडीन युक्त नमक मिलेगा. वहीं मोबाइल किचेन का भी संचालन होगा. पीडीएस दुकानों को डिजिटल वेइंग मशीन दी जायेगी. धान अधिप्राप्ति योजना को भी कंप्यूटरीकृत किया जायेगा. माप-तौल के कार्य कंप्यूटरीकृत होंगे. खाद्यान्नों के परिवहन के लिए प्रयुक्त वाहनों में जीपीएस ट्रेकिंग की व्यवस्था होगी. आवश्यक उपभोक्ता सामग्री में अनापेक्षित मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए 20 करोड़ रुपये की एक कोष की स्थापना होगी. उपभोक्ता जागरुकता व सुरक्षा के लिए 10 करोड़ के कंज्यूमर वेलफेयर फंड की स्थापना की जायेगी. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आच्छादित परिवारों को अनुमानित दर पर प्रति परिवार एक किलो चना व चना दाल की व्यवस्था की जायेगी. अंत्योदय अन्न योजना एवं योग्य लाभुक परिवारों को राशन कार्ड उपलब्ध कराने के अलावा आगामी वित्तीय वर्ष में शेष परिवारों को सफेद राशन कार्ड उपलब्ध कराने की योजना है. सफेद राशन कार्ड उपभोक्ताओं को दो लीटर केरोिसन देने की सरकार की योजना है.
राजधानी रांची में लोगों को मिलेगी वाइ-फाइ की सुविधा
रांची: वित्तीय वर्ष 2016-17 के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के बजट में रांची काे वाइ-फाइ सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की गयी है़ बजट में राज्य के सभी प्रखंड मुख्यालयों को वीडियो कांफ्रेसिंग से जोड़ा जायेगा़ वित्तीय वर्ष 2016-17 में कार्य एवं लेखा प्रबंधन सूचना प्रणाली (डब्लूएएमआइएस) प्रणाली को ग्रामीण कार्य, जल संसाधन, पेयजल स्वच्छता, पथ निर्माण व वन पर्यावरण विभाग में लागू किया जायेगा़ ई-मुलाकात योजना को वीडियो कांफ्रेसिंग माध्यम से सुदृढ़ किया जायेगा़ सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को ई-ऑफिस बनाने के बाद अन्य विभागों में इस योजना की शुरुआत की जायेगी. बजट में रांची में इनोवेशन सेंटर खोलने की घोषणा की गयी है़ राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विद्यार्थियों के प्रशिक्षण एवं कोचिंग के लिए डिजिटल लाइव स्मार्ट क्लासेस परियोजना के तहत देने की बात बजट में कही गयी है़ बजट में राज्य काे डिजिटल झारखंड बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के अधिकतम प्रयोग पर जोर देने की घोषणा की गयी है़ स्टार्टअप वेनचर कैपिटल फंड संपोषित परियोजना के तहत युवाओं को कंपनी स्थापित करने एवं उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सहायता दी जायेगी़ डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत उड़ान नाम से राज्य स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी़ झारनेट नेटवर्क से सभी जिला मुख्यालय, 37 अनुमंडल और 214 प्रखंडों को जोड़ा गया है. मेन इन इंिडया कार्यक्रम के तहत ईज अॉफ डुइंग बिजनेस के क्षेत्र में झारखंड में आइटी, आइटीइएस इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन को बढ़वा दिया जायेगा.