एजी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि अवर निबंधक कार्यालय से सैरात की जमीन के पट्टे से संबंधित स्टांप फीस और निबंधन शुल्क के रूप में 9.43 लाख रुपये लिये ही नहीं गये. जिले में अवस्थित तालाब और आहर से संबंधित जमीन के दस्तावेजों का निबंधन भी ठीक तरीके से नहीं किये जा रहे हैं.
एजी की ओर से कहा गया है कि कई मामलों में बगैर नक्शे के ही निबंधन होने की बातें सामने आयी हैं, जिससे गड़बड़ी होने की संभावना है. कार्यालय में सूचना तकनीक से संबंधित सॉफ्टवेयरों की कमी, कोषागार से संबंधित जांच के परिणाम नहीं दिये जाने, रेफर किये गये मामलों में स्टांप फीस की वसूली नहीं होने से सरकार को 28.70 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.