रांची: विकास भारती, बिशुनपुर जल संकट को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. गुमला, लोहरदगा, लातेहार व रांची जिले के गांव–गांव में जल संरक्षण एवं कृषि विकास में सामुदायिक बोरा बांध निर्माण कार्य का शुभारंभ सोमवार को किया गया. बोरा बांध अभियान की शुरुआत विकास भारती बिशुनपुर के सचिव अशोक भगत द्वारा ग्रामीणों को बोरा बांट कर किया गया. कार्यक्रम में किसान व विकास भारती के कार्यकर्ता मौजूद थे.
क्या है बोरा बांध योजना
बोरा बांध एक माध्यम है, जिसके द्वारा नदियों व नालों में बह रहे जल का संरक्षण किया जाता है. इसके लिए सीमेंट के खाली बोरा में बालू या मिट्टी भर कर उसे सील किया जाता है. फिर इसे बोरे को जहां का पानी रोकना है, वहां रख दिया जाता है. ये बोरे दोनों तरफ लगाये जाते हैं. बीच की जगह में बालू भर दिया जाता है, जिससें एक बांधनुमा आकृति बन जाती है. इससे जल का रिसाव कम हो जाता है. जल का भंडारण होने लगता है. इस पानी का उपयोग सिंचाई व पशु के लिए किया जा सकता है.
70 गांवों को मिलेगा बोरा बांध योजना का लाभ
विकास भारती के बोरा बांध निर्माण का लाभ रांची, लोहरदगा, गुमला, लातेहार के 70 गांवों को मिलेगा. सिसई प्रखंड के पंडरिया गांव में किसानों ने इसकी पहल की. किसानों के इस अभियान को विकास भारती द्वारा एक अभियान के रूप में 25 फरवरी तक चलाया जायेगा. इस तकनीक को किसान भी अपना रहे हैं. यह तकनीक कृषि विज्ञान केंद्र, गुमला द्वारा संचालित परियोजना निकरा (जलवायु अनुकूल कृषि पर राष्ट्रीय नवाचार) द्वारा जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए अपनायी जाती है. बोरा बांध का निर्माण सर्वप्रथम वर्ष 2010 में गुनिया गांव के भसरिया नदी पर ग्रामीणों के सहयोग से किया गया. इसका नतीजा यह हुआ कि उस क्षेत्र में फसलों का उत्पादन बढ़ गया. यह एक सफल प्रयोग साबित हुआ.