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योजना बनाओ अभियान: बजट को लेकर लिया जा रहा सुझाव, 300 पंचायतों तक पहुंची सरकार

रांची: झारखंड सरकार ने योजना बनाओ अभियान को गंभीरता से लिया है. मुख्यमंत्री खुद योजना बनाओ अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं. इस योजना के तहत अब तक सरकार के मंत्री और सचिव 300 पंचायतों तक पहुंच चुके हैं. इसके अलावा जिलों के उपायुक्त भी योजना बनाने को लेकर ग्रामीणों से सुझाव ले रहे हैं. […]

रांची: झारखंड सरकार ने योजना बनाओ अभियान को गंभीरता से लिया है. मुख्यमंत्री खुद योजना बनाओ अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं. इस योजना के तहत अब तक सरकार के मंत्री और सचिव 300 पंचायतों तक पहुंच चुके हैं. इसके अलावा जिलों के उपायुक्त भी योजना बनाने को लेकर ग्रामीणों से सुझाव ले रहे हैं.
सरकार ने गांव की छोटी-छोटी योजनाओं को शामिल करने के लिए इस अभियान की शुरुआत की है. सरकार का उद्देश्य है कि गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में रहे, जिससे कि सिंचाई की व्यवस्था सुदृढ़ हो सके़ ग्रामीणों से क्षेत्र में डोभा, चेक डैम और सड़क बनाने को लेकर सुझाव लिये जा रहे हैं, ताकि उनकी प्राथमिकता के अनुसार विकास का काम किया जा सके. सरकार इन योजनाओं को बजट में शामिल कर विकास का काम करना चाहती है. मुख्यमंत्री रघुवर दास इस अभियान के तहत एक दर्जन से अधिक पंचायतों में सीधे तौर पर ग्रामीणों से रू-ब-रू हुए हैं. उन्होंने रांची, हजारीबाग, चतरा, लोहरदगा, गोड्डा, दुमका, गिरिडीह, जमशेदपुर, चाईबासा, बोकारो में योजना बनाओ अभियान के कार्यक्रम में हिस्सा लिया है. वहीं कृषि मंत्री रणधीर सिंह अब तक 33 पंचायतों में ग्रामीणों से सुझाव ले चुके हैं. इसके अलावा भाजपा के सांसद और विधायक भी इस अभियान के तहत ग्रामीणों से सुझाव ले रहे हैं.
जन उपयोगी योजनाओं का चयन करें
रांची. मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी रविवार को पूरी टीम के साथ अनगड़ा के गेतलसूद पहुंचे. वहां उन्होंने प्रमुख के साथ ही अन्य पंचायत प्रतिनिधियों व स्थानीय युवकों के साथ बैठक की. बैठक के माध्यम से उन्होंने प्रखंड में चल रहे योजना बनाअो अभियान की जानकारी ली. साथ ही गांवों के लिए उपयोगी योजनाएं लेने का सुझाव दिया. उन्होंने लोगों से कहा कि वे जल संरक्षण की योजनाअों पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दें. इसके लिए बरसात के पानी को बाहर जाने से रोकें. ऐसी योजनाएं तय करें, जिससे नाली का पानी बाहर न जाये. मनरेगा आयुक्त ने ग्रामीणों से शृंखलाबद्ध चेक डैम बनाने को कहा. इसके लिए उन्हें योजना तैयार कर भेजने को कहा, ताकि इसकी स्वीकृति ली जा सके. वहीं खेतों का पानी डोभा बना कर रोकने का भी सुझाव दिया. इसके अलावा वह गांव में योजना बनाअो अभियान की वास्तविकता से भी अवगत हुए. मौके पर अफसरों को निर्देश दिया कि वे योजना बनाअो अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाने की दिशा में हरसंभव प्रयास करें.
पहले ग्रामीणों से नहीं लिया जाता था सुझाव
इससे पहले ग्रामीण क्षेत्रों की योजना राजधानी में बनती थी. ग्रामीणों से सीधे तौर पर सुझाव नहीं लिया जाता था. पहली बार मुख्यमंत्री, मंत्री व सचिव ग्रामीणों से सुझाव लेने पंचायतों में जा रहे हैं.
विपक्षी दलों से भी सहयोग का किया आग्रह
सरकार ने विपक्षी दलों के विधायक व सांसदों से भी योजना बनाओ अभियान में शामिल होकर इसे सफल बनाने का आग्रह किया है. उन्हें अपने-अपने क्षेत्र के लोगों से फीडबैक लेकर जानकारी देने को कहा है, ताकि बजट में इन योजनाओं को शामिल किया जा सके.
कृषि, ग्रामीण विकास, पेयजल का अलग बजट
सरकार ग्रामीणों को फोकस कर इस बार का बजट तैयार कर रही है. इस बार कृषि, ग्रामीण विकास और पेयजल के लिए अलग से बजट पेश करने की तैयारी हो रही है.

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