रांचीः दिल्ली में निर्भया के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना की पूरे देश में निंदा हुई. इसके बाद कानून में बदलाव हुए. कानून की धाराओं को सख्त बनाया गया है. इस घटना के बाद पुलिसकर्मी कितने तत्परता हुए, नये कानून का कितना प्रयोग करते हैं, कानून में बदलाव से क्या महसूस करते हैं, इस संबंध में रांची शहरी क्षेत्र के 14 थानेदारों से प्रभात खबर संवाददाता ने बातचीत की.
थानेदारों का कहना है कि कई युवती थाना में खुद फरियाद लेकर आ रही है. इसी से स्पष्ट हो जाता है कि वह कितनी पीड़ित है. पहले युवतियों के साथ छेड़खानी करने को थाना से बेल दे दिया जाता था, लेकिन जब से कानून में बदलाव हुआ है, वे किसी को थाना से बेल नहीं देते. नये कानून की धाराओं की अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कर मामले में गंभीरता से कार्रवाई हो रही है.
कानून में बदलाव होने से पुलिस की शक्ति बड़ी है. वहीं थानेदारों की नजर में इससे पीड़ित पक्ष को न्याय मिलने में भी आसानी हुई है. कानून में बदलाव होने से लोगों में भय बढ़ा है. थानेदार यह भी मानते हैं नये कानून का कुछ मिस्यूज भी हो रहा है. आपसी दुश्मनी निकालने के लिए कुछ शिकायते थाने पहुंचती है.
इसलिए थानेदार के नाते उन्हें देखना होता कि मामले की असलियत क्या है. मामला घरेलू होने पर वे इसका निबटारा आपस में समझौता करा भी कराने का प्रयास करते हैं, लेकिन मामला गंभीर होने पर पुलिस तुरंत कार्रवाई करती है.