रांची: 19 अक्तूबर 2011 को खराब मौसम और पायलट की गलती की वजह से बीएसएफ का ध्रुव हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. डायरेक्टर जेनरल ऑफ सिविल एवियेशन (डीजीसीए) ने दुर्घटना के कारणों की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है. रिपोर्ट में नक्सली द्वारा हमला करके हेलीकॉप्टर को गिराये जाने का कहीं जिक्र नहीं किया गया है, जबकि दुर्घटना के समय इस बात की चर्चा थी कि नक्सलियों ने हेलीकॉप्टर को मार गिराया है. रिपोर्ट की कॉपी झारखंड सरकार को भी भेज दी गयी है.
डीजीसीए की जांच दल में अध्यक्ष एयर कमांडर (सेवानिवृत्त) जीएस चीमा, ज्वाइंट डायरेक्टर डीजीसीए (सेवानिवृत्त) पीके चट्टोपाध्याय, वैज्ञानिक डॉ सुबीर के भौमिक, कैप्टन ए भंभानी व सचिव सनित कुमार शामिल थे. डीजीसीए की रिपोर्ट में कहा गया है कि 19 अक्तूबर को बीएसएफ का ध्रुव हेलीकॉप्टर रांची हवाई अड्डे से चाईबासा के लिए उड़ा था. उड़ान के ठीक छह मिनट के बाद हेलीकॉप्टर खूंटी के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ था.
हेलीकॉप्टर उस समय निर्धारित सीमा से अधिक ऊंचाई पर उड़ान भर रहा था. मौसम खराब होने की वजह से विजिबिलिटी बहुत कम हो गयी थी. हवाई अड्डा से पायलट का संपर्क होने पर उसे नीचे आने और वापस रांची लौटने का निर्देश दिया गया था. इसके बाद पायलट ने बहुत तेजी से हेलीकॉप्टर को मोड़ने की कोशिश की. मोड़ने के क्रम में उसने हेलीकॉप्टर की गति सीमा कम नहीं की. इस वजह से हेलीकॉप्टर के रोटर में खराबी आयी. हवा के अत्याधिक दबाव की वजह से रोटर ब्लेड क्षतिग्रस्त हो गया और हेलीकॉप्टर डगमगाने लगा. पायलट ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन रोटर ब्लेड और रोटर की खराबी की वजह से स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गयी और हेलीकॉप्टर नीचे आ गिरा.