रांची : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के रांची दौरे को लेकर सड़कों व भवनों को चमकाने में करीब सवा आठ करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. यह राशि पथ निर्माण विभाग व भवन निर्माण विभाग ने खर्च किया है. इस राशि से वैसी सड़कों को चमकाया गया है, जिससे होकर राष्ट्रपति को गुजरना था. वहीं राष्ट्रपति के […]
रांची : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के रांची दौरे को लेकर सड़कों व भवनों को चमकाने में करीब सवा आठ करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. यह राशि पथ निर्माण विभाग व भवन निर्माण विभाग ने खर्च किया है. इस राशि से वैसी सड़कों को चमकाया गया है, जिससे होकर राष्ट्रपति को गुजरना था. वहीं राष्ट्रपति के विश्राम के मद्देनजर राजभवन को भी सजाया गया था. जिस सूट में राष्ट्रपति को ठहरना था, उसे विशेष तरीके से सुसज्जित किया गया. इस पर नया वूडेन फ्लोर लगाया गया.
जानकारी के मुताबिक राजभवन की रंगाई-पोताई से लेकर पेड़ों व चहारदीवारी को रंगने आदि में करीब एक करोड़ रुपये खर्च किये गये. इसमें सूट की वूडेन फ्लोरिंग का काम भी शामिल है. राजभवन के अंदर करीब 3.5 किमी लंबी सड़क को चकाचक किया गया. इस पर भी करीब एक करोड़ रुपये खर्च हुए.
स्टेट गेस्ट हाउस में अति विशिष्ट अतिथियों को ठहराने के लिए वहां करीब 50 लाख रुपये का काम किया गया. बीआइटी मेसरा व खेलगांव में स्थायी हेलीपैड बनाये गये. एयरफोर्स के अफसरों ने पक्का हेलीपैड बनाने को कहा था. ऐसे में राज्य के आला अफसरों के निर्देश पर यहां करीब 80 लाख रुपये की लागत से स्थायी हेलीपैड बनाये गये हैं.
किस मद पर कितना हुआ खर्च
सड़क पर हुए काम राशि (लगभग)
राजभवन के अंदर की सड़क 1.00 करोड़
बूटी मोड़ से बीआइटी मोड़ 1.40 करोड़
बीआइटी मोड़ से बीआइटी 1.35करोड़
एयरपोर्ट जाने वाली सड़क 1.20 करोड़
खेलगांव रोड का सिक्स लेन 1.00 करोड़
इन सड़कों पर कुल लागत 5.95 करोड़
भवनों पर हुए काम
राजभवन में वूडेन फ्लोरिंग व रंगाई- पोताई का काम 1.00 करोड़
स्टेट गेस्ट हाउस में अतिथियों के लिए मेंटेनेंस काम 0.50 करोड़
खेलगांव व बीआइटी मेसरा में हेलीपैड का निर्माण 0.80 करोड़
कुल 2.30 करोड़
ठेकेदारों ने अपने पैसे से लगाये पौधे
हरमू बाइपास रोड व अन्य जगहों पर सुंदरीकरण के लिए आनन-फानन में पौधे लगाये गये. इस पर विभाग ने राशि खर्च नहीं की. ठेकेदारों से कहा गया है कि वे अपने स्तर से यह काम कर दें. ऐसे में ठेकेदारों ने खुद अपने पैसे से पौधे लगाने का काम किया. हरमू रोड व बरियातू रोड से राष्ट्रपति को गुजरना था, पर इन सड़कों का काम पहले से आवंटित था. ऐसी स्थित में इन सड़कों पर अतिरिक्त राशि खर्च नहीं हुई. पहले के काम के एग्रीमेंट के तहत उसे चमकाया गया.