इसके लिए परिवारों को विभिन्न तरीकों से प्रोत्साहित किया जाये़ आवासीय देखभाल पानेवाले ऐसे बच्चों को भी इस देखभाल से जुड़ने से पूर्व की परिवार व सांस्कृतिक स्थिति पाने का अधिकार है़ सरकार से मांग की गयी कि यह सुनिश्चत किया जाये कि किसी भी बच्चे के साथ उम्र, लिंग, जन्मस्थान, नि:शक्तता, स्वास्थ्य, स्थिति, नस्ल, धर्म, जाति या सांस्कृतिक अभ्यास के कारणों से भेदभाव नहीं किया जायेगा़.
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा जारी वैकल्पिक देखभाल और बच्चों की देखभाल व सुरक्षा कानून का सख्ती से अनुपालन होगा़ शिक्षा के अधिकार कानून के तहत न्यूनतम शिक्षा स्तर का निर्धारण भी किया जाये़ उन शहरी क्षेत्रों को चिह्नित किया जाये, जहां ऐसे वंचित बच्चे रहते है़ं बच्चों की सुरक्षा, कल्याण और शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, बौद्धिक सामाजिक व नैतिक विकास के लिए सभी जरूरी कदम उठाये जाये़ं जिन जगहों पर ऐसे बच्चों की संख्या अधिक है, वहां के सरकारी स्कूलों में आवासीय व अन्य सुविधाएं मुहैया करायी जाये़ं