बैठक को लेकर पुलिस अधीक्षकों को दो पन्ने का एजेंडा भेजा गया है. एजेंडे के मुताबिक बैठक के दौरान ही जिलों के एसपी यह तय करेंगे कि वह अपराध की रोकथाम कैसे रोकेंगे. वहीं अपराधियों को कैसे पकड़ेंगे. जानकारी के मुताबिक बैठक में ही सभी एसपी को पांच-छह ग्रुपों में बांटा जायेगा. संभव है एक प्रमंडल के सभी एसपी को एक ग्रुप में रखा जाये. अलग-अलग ग्रुप में शामिल एसपी आपसी सहमति से तय करेंगे कि उनके जिलों में कैसे कानून का राज होगा,अपराध को रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाये जाने चाहिए, बड़े अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए किस तरह की रणनीति बने, इस पर प्रेजेंटेशन तैयार करेंगे. बैठक के दौरान ही डीजीपी समेत अन्य वरिष्ठ पुलिस अफसरों के बीच अपने प्रेजेंटेशन को रखेंगे. बैठक को लेकर अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) ने वर्ष 2014 और 2015 के अपराध का तुलनात्मक आंकड़ा तैयार किया है, जिसके आधार पर जिलों की स्थिति का आंकलन होगा.
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कैसे रुकेगा अपराध, तय करेंगे एसपी
रांची: डीजीपी डीके पांडेय राज्य के जिलों के एसपी के साथ कानून-व्यवस्था की समीक्षा करेंगे. बैठक 29 दिसंबर को होनी थी, लेकिन अब अगले सप्ताह होगी. झारखंड बंद और मुख्यमंत्री के जन-संवाद कार्यक्रम के मद्देनजर 29 दिसंबर को होनेवाली बैठक स्थगित कर दी गयी है. बैठक को लेकर पुलिस अधीक्षकों को दो पन्ने का एजेंडा […]
रांची: डीजीपी डीके पांडेय राज्य के जिलों के एसपी के साथ कानून-व्यवस्था की समीक्षा करेंगे. बैठक 29 दिसंबर को होनी थी, लेकिन अब अगले सप्ताह होगी. झारखंड बंद और मुख्यमंत्री के जन-संवाद कार्यक्रम के मद्देनजर 29 दिसंबर को होनेवाली बैठक स्थगित कर दी गयी है.
बैठक को लेकर पुलिस अधीक्षकों को दो पन्ने का एजेंडा भेजा गया है. एजेंडे के मुताबिक बैठक के दौरान ही जिलों के एसपी यह तय करेंगे कि वह अपराध की रोकथाम कैसे रोकेंगे. वहीं अपराधियों को कैसे पकड़ेंगे. जानकारी के मुताबिक बैठक में ही सभी एसपी को पांच-छह ग्रुपों में बांटा जायेगा. संभव है एक प्रमंडल के सभी एसपी को एक ग्रुप में रखा जाये. अलग-अलग ग्रुप में शामिल एसपी आपसी सहमति से तय करेंगे कि उनके जिलों में कैसे कानून का राज होगा,अपराध को रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाये जाने चाहिए, बड़े अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए किस तरह की रणनीति बने, इस पर प्रेजेंटेशन तैयार करेंगे. बैठक के दौरान ही डीजीपी समेत अन्य वरिष्ठ पुलिस अफसरों के बीच अपने प्रेजेंटेशन को रखेंगे. बैठक को लेकर अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) ने वर्ष 2014 और 2015 के अपराध का तुलनात्मक आंकड़ा तैयार किया है, जिसके आधार पर जिलों की स्थिति का आंकलन होगा.
अब तक नहीं आया नवंबर माह का आंकड़ा
अगर 29 दिसंबर की डीजीपी की बैठक स्थगित नहीं होती, तो पुलिस मुख्यालय के अधिकारी अक्तूबर माह तक के अपराध के आंकड़े ही देख पाते. क्योंकि नवंबर माह के अपराध का आंकड़ा अब तक जिलों से नहीं आयी है. यह स्थिति तब है, जब थानों को ऑनलाइन बनाने का प्रक्रिया चल रही है. सीसीटीएनएस के तहत करोड़ों रुपये खर्च किये गये हैं. डीजीपी का भी आदेश है कि हर माह की 12 तारीख तक सभी प्रमंडलों के डीआइजी अपने-अपने प्रमंडल के जिलों के अपराध की समीक्षा कर पुलिस मुख्यालय और सीआइडी को समीक्षा रिपोर्ट भेज दें.
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