रांचीः निगरानी के अधिकारी सीनियर डीएसपी बलेंद्र सिंह को विजिलेंस क्लीयरेंस नहीं देने पर अड़े हैं. इसके बावजूद सरकार की ओर से डीएसपी को विजलेंस क्लीयरेंस देने के लिए निगरानी के पास अनुरोध पत्र भेजा जाता है. निगरानी के अधिकारियों के अनुसार जब बालेंद्र सिंह जमशेदपुर में प्रवर्तन पदाधिकारी थे, तब उनके खिलाफ निगरानी थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कांड संख्या 35/ 97 के अंतर्गत मामला दर्ज हुआ था.
मामले में बालेंद्र सिंह के खिलाफ आठ दिसंबर 2001 को निगरानी की अदालत में आरोप पत्र भी समर्पित किया गया था. अनुसंधान के उपरांत विशेष न्यायाधीश निगरानी, रांची ने बालेंद्र सिंह को दो वर्ष का सश्रम कारावास तथा 500 रुपये अर्थ दंड की सजा दी थी, जिसके विरुद्ध बालेंद्र सिंह ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. इसकी सुनवाई के बाद 11 नवंबर 2011 को उच्च न्यायालय ने एक आदेश पारित किया, जिसमें बालेंद्र सिंह को न्यायालय ने संदेह का लाभ देते हुए सजा या हिरासत में रखने संबंधी ट्रायल कोर्ट के आदेश को निरस्त (सेट एसाइड) कर दिया.
इसके बाद सरकार ने दो बार 06 जनवरी 2012 और 10 जनवरी 2012 को न्यायालय के आदेश पर निगरानी को कार्रवाई करने का आदेश दिया था. निगरानी के अधिकारी अब डीएसपी बालेंद्र सिंह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रहे हैं. पूर्व में भी निगरानी के अधिकारी सात अक्तूबर को डीएसपी पर दर्ज मामले की एक संक्षिप्त रिपोर्ट तैयार सरकार के पास भेज चुके हैं.