रांचीः झारखंड सरकार ने 15 वर्ष पुरानी छात्रवृत्ति की राशि में तीन गुना से अधिक बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. कल्याण विभाग की ओर से इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है. बढ़ी हुई राशि एक अप्रैल 2014 से प्रभावी होगी. सरकार की ओर से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को कक्षा एक से दस तक प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप दी जाती है. बढ़ी हुई दर के प्रभावी होने से झारखंड सरकार पर सालाना 150 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
झारखंड में अविभाजित बिहार के समय तय की गयी छात्रवृत्ति की राशि ही अब तक लाभुक छात्र-छात्रओं को मिल रही है. राज्य में प्री मैट्रिक के अलावा पोस्ट मैट्रिक, मेरिट कम मींस छात्रवृत्ति भी दी जाती है. इन छात्रवृत्ति योजनाओं में अभी किसी तरह की तब्दीली नहीं की गयी है. पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप की राशि में जुलाई 2010 में बदलाव किया गया है. सरकार के प्रस्ताव के अनुसार प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति की राशि की तीन श्रेणियों में तीन गुना से अधिक की वृद्धि करने का फैसला लिया गया है. राज्य सरकार ने प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप के तीन केटेगरी तय किये हैं. इसमें कक्षा एक से कक्षा तीन तक के छात्रों को प्रत्येक वर्ष 180 रुपये दिये जाते हैं. कक्षा पांच से कक्षा छह तक के लिए 360 रुपये और कक्षा सातवीं से लेकर कक्षा दसवीं तक के लाभुकों को 660 रुपये सालाना दिये जाते हैं. इसे बढ़ा कर छह सौ रुपये, 12 सौ रुपये और 1800 रुपये किया जा रहा है.