ज्ञात हो कि राजधानी के एक शिशु रोग विशेषज्ञ के यहां तीन वर्ष तक इलाज के बाद भी समस्या दूर नहीं हुई. उसके बाद परिजन उसे रानी अस्पताल ले आये. वहां अपोलो, दिल्ली के चिकित्सक अक्षय कपूर ने उसका ऑपरेशन किया. पिता के लीवर से 20 प्रतिशत भाग को निकाल कर बच्चे में प्रत्यारोपित किया गया. अब बच्चे का लीवर 50 प्रतिशत तक हो गया है.
डॉ अक्षय ने बताया कि यह जॉडिंस का एडवांस रूप है. अगर बच्चे को जॉडिंस होता है तो उसे तत्काल चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए. इसका उपाय सिर्फ ट्रांसप्लांट है. लीवर प्रत्यारोपण का खर्च अपोलो में 12 लाख है, लेकिन बच्चे के परिजन से सिर्फ छह लाख ही लिया गया है. डॉ राजेश कुमार ने बताया कि लीवर की जांच से पता चलता है. बच्चे को एक दवा पूरी जिंदगी खानी पड़ेगी. उसे समस्या नहीं होगी.