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रथ से गांव जायेगी अलबर्ट एक्का की समाधि की मिट्टी

रांची : शहीद परमवीर अलबर्ट एक्का की समाधि की पवित्र मिट्टी तीन दिसंबर को रथ से गुमला के जारी गांव भेजी जायेगी. रथ को पूरी तरह फूलों से सजाया जायेगा. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को रांची के उपायुक्त को निर्देश दिया कि शहीद की पवित्र मिट्टी ससम्मान जारी गांव पहुंचायी जाये़ शहीद के सम्मान […]

रांची : शहीद परमवीर अलबर्ट एक्का की समाधि की पवित्र मिट्टी तीन दिसंबर को रथ से गुमला के जारी गांव भेजी जायेगी. रथ को पूरी तरह फूलों से सजाया जायेगा. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को रांची के उपायुक्त को निर्देश दिया कि शहीद की पवित्र मिट्टी ससम्मान जारी गांव पहुंचायी जाये़ शहीद के सम्मान में कहीं भी कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए.

तीन दिसंबर को अलबर्ट एक्का के शहादत दिवस पर जारी गांव में भूतपूर्व सैनिक कल्याण संघ की ओर से शहीद मेले का आयोजन किया गया है़ इस दिन मुख्यमंत्री रघुवर दास खुद उपस्थित होकर शहीद अलबर्ट एक्का की पत्नी बलमदीना एक्का को पवित्र मिट्टी सौंपेंगे़ गुमला के विधायक शिवशंकर उरांव कार्यक्रम की तैयारी को लेकर अपने क्षेत्र लौट गये हैं. उन्होंने अपने फंड से जारी गांव में शहीद स्मारक बनाने की बात कही है. तीन दिसंबर को ही मुख्यमंत्री इसकी आधारशिला भी रखेंगे.

तीन की सुबह रवाना होगा रथ : शहीद अलबर्ट एक्का की समाधि की पवित्र मिट्टी लेकर तीन दिसंबर की सुबह आठ बजे रथ रांची से गुमला के लिए रवाना होगा़ रथ पर कलश सजा कर ले जाया जायेगा. रास्ते में जगह-जगह पर लोग पुष्प अर्पित कर शहीद को श्रद्धांजलि देंगे. रथ को राजकीय सम्मान के साथ जारी गांव तक भेजा जायेगा. एक स्कार्ट गाड़ी भी रथ के आगे-आगे चलेगी.
यह हर सैनिक का सम्मान : अनिरुद्ध
भूतपूर्व सैनिक कल्याण संघ के सचिव अनिरुद्ध सिंह ने कहा : यह देश के हर सैनिकों का सम्मान है. राजकीय सम्मान के साथ कलश को शहीद की पत्नी तक पहुंचाने का फैसला मुख्यमंत्री ने किया है. आज सरकार न केवल अलबर्ट एक्का, बल्कि देश के प्रत्येक सैनिक का सम्मान कर रही है. जारी गांव में हर साल तीन दिसंबर को शहीद मेले का आयोजन किया जाता है. यह पहला मौका है, जब खुद मुख्यमंत्री इस मेले में उपस्थित रहेंगे. मेले में देशभर से सेना के कई अधिकारी भी आयेंगे. उन्होंने कहा : कलश को पूरी तरह सजा दिया गया है. अब सरकार इसे अपनी जिम्मेवारी पर भेजना चाहती है, तो यह गौरव की बात है.
शहीद को लेकर विवाद न करें
अनिरुद्ध सिंह ने कहा : शहीद के नाम को लेकर विवाद करना दुखद है. शहीद की मिट्टी कोई लाये, इससे अंतर नहीं पड़ता है. बात है कि शहीद की मिट्टी आ गयी. इसे उनकी पत्नी तक ससम्मान भेजा जाये, इसके लिए पूरे उत्साह से सभी वर्गों को आगे आना चाहिए. जारी में शहीद स्मारक बनेगा़.

बलमदीना की इच्छा :जन्मस्थल पर बने समाधि
जारी से दुर्जय पासवान
शहीद अलबर्ट एक्का की पत्नी बलमदीना एक्का की इच्छा है कि जिस घर में उनके पति का जन्म हुआ था, वहीं पर समाधि स्थल बने, ताकि उनके जीवन से प्रेरित होकर ग्रामीण क्षेत्र के युवा सेना में जायें. बलमदीना ने इच्छा जतायी है कि उनके पति की अगरतला स्थित समाधि से लायी गयी मिट्टी उन्हें सौंपी जाये़ इससे वह पति की मूिर्त बनवाना चाहती हैं.
घर की मरम्मत हो : बलमदीना ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा : 1942 में जिस खपरैल घर में उनके पति का जन्म हुआ था, उसकी मरम्मत हो. अभी घर बरसात में गिर गया है. पांच कमरे थे, तीन गिर गये, दो बचे हैं. ये भी गिरने की स्थिति में हैं. इस घर में अभी कोई नहीं रहता है. ताला लगा रहता है़ बलमदीना की इच्छा है कि इस कच्चे मकान को पक्का कर, इसके पास ही समाधि स्थल बनाया जाये़ .
प्रखंड का विकास हो : बलमदीना जारी प्रखंड (अब अलबर्ट एक्का प्रखंड) का विकास नहीं होने से चितिंत है. उन्होंने कहा : प्रखंड बने पांच साल हो गये, पर आज भी इसका संपूर्ण विकास नहीं हो सका है. सरकार हमारे प्रखंड की ओर ध्यान दे. लोगों को गांव में रोजगार मिले. सिंचाई व स्वास्थ्य सुविधा हो.
सुनायी पुरानी कहानी : बातचीत के क्रम में उन्होंने अगरतला से उनके पति की समाधि स्थल की मिट्टी लाने पर खुशी प्रकट की.अतीत की कुछ कहानी बतायी, कहा : उसके पति के शहीद होने के बाद सेना के अधिकारी उन्हें और उसके बेटे भिसेंट एक्का को ढाका व गंगा सागर ले गये थे. जिस स्थल पर युद्ध हुआ था, उसे दिखाया था़.
भिखमपुर स्कूल आज भी साक्षात
अलबर्ट एक्का की प्रारंभिक शिक्षा भिखमपुर के आरसी बालक मध्य विद्यालय में हुई थी. यह स्कूल आज भी है. अभी स्कूल के हेडमास्टर फादर विनोद विमल मिंज हैं. स्कूल में आज भी शहीद की जीवनी व शहादत के बारे में बता कर बच्चों को उनकी तरह बनने के लिए प्रेरित किया जाता है.

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