राज्य में 89 फीसदी हिस्से में सिंचाई की सुविधा नहीं है. मंत्री सोमवार को हेहल स्थित इटीसी ग्राउंड में आयोजित प्रमंडल स्तरीय उद्यानिकी मेला को संबोधित कर रहे थे. यहां उद्यान निदेशालय व झारखंड राज्य बागवानी मिशन की अोर से मेला लगाया गया था. मौके पर मंत्री ने कहा कि किसानों तक बिजली पहुंचेगी. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना शुरू की जा रही है. इसके तहत नये ट्रांसफारमर, ग्रिड व स्टेशन भी होंगे. उन्होंने कहा कि यह तय किया गया है कि कृषि रथ यात्रा के माध्यम से वैज्ञानिक गांवों में जाकर किसानों को प्रशिक्षित करेंगे. उन्हें मसाला, फल, फूल की खेती के लिए ट्रेनिंग देंगे व प्रेरित करेंगे. उन्होंने कहा कि आज यहां के किसानों की काफी जमीन बीमार हो गयी है. जमीन डीएपी व यूरिया से जमीन की उर्वरा शक्ति कम हो गयी है. ऐसे में खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने की जरूरत है. मंत्री ने कहा कि किसानों के लिए छोटे-छोटे तालाब बनवाये जायेंगे. सुखाड़ की स्थिति पर उन तालाबों से मदद मिलेगी. मंत्री ने कहा किसान मछली पालन कर 30-40 हजार कमा सकते हैं. वहीं किसानों को खड़ा करने के लिए 90 फीसदी सब्सीडी पर दो-दो गाय दी जायेगी.
इसके पूर्व मंत्री ने अफसरों के साथ सारे स्टॉल का भ्रमण किया. एक-एक कर स्टॉल वालों से बात भी की. मौके पर निदेशक उद्यान डॉ प्रभाकर सिंह ने कहा कि यहां के ट्रायबल एरिया में कम पानी में अधिक उत्पादन की दिशा में प्रयास हो रहा है. राज्य में कम पानी हुआ है. ऐसे में किसान सब्जी, फल, फूल, मसाला की खेती कर आर्थिक रूप से खड़ा हो सकते हैं. वेस्ट लैंड पर काजू लगाया जा सकता है. डॉ सिंह ने मंत्री से आग्रह किया कि हॉर्टिकल्चर से जुड़े कर्मियों को दूसरे विभाग में तबादला नहीं करें, क्योंकि वे पूरी तरह प्रशिक्षित हैं. मौके पर कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को कई सुझाव दिये. कार्यक्रम में उप निदेशक अंजनी मिश्रा, आरपी सिंह आदि उपस्थित हुए.