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फोटो है : अब भी नहीं हो सका है जारी प्रखंड का संपूर्ण विकास

फोटो है : अब भी नहीं हो सका है जारी प्रखंड का संपूर्ण विकास 30 गुम 26 में गांव में शहीद की प्रतिमा30 गुम 27, 28 व 29 में पाकिस्तान का इलाका, जहां अलबर्ट एक्का ने बंकर को उड़ाया थाप्रतिनिधि, गुमलाजारी छोटा सा गांव है. लेकिन इसकी पहचान पूरे भारत देश में है. कारण, इसी […]

फोटो है : अब भी नहीं हो सका है जारी प्रखंड का संपूर्ण विकास 30 गुम 26 में गांव में शहीद की प्रतिमा30 गुम 27, 28 व 29 में पाकिस्तान का इलाका, जहां अलबर्ट एक्का ने बंकर को उड़ाया थाप्रतिनिधि, गुमलाजारी छोटा सा गांव है. लेकिन इसकी पहचान पूरे भारत देश में है. कारण, इसी गांव में परमवीर चक्र विजेता शहीद अलबर्ट एक्का का जन्म हुआ था. आज यह गांव जारी प्रखंड बन गया है. प्रखंड का पूरा नाम परमवीर अलबर्ट एक्का प्रखंड है. वर्ष 2010 में इसे प्रखंड का दर्जा मिला. प्रखंड बने पांच साल हो गये, लेकिन अभी तक जारी का संपूर्ण विकास नहीं हो सका है. अभी भी जारी विकास के मामले में कदमताल कर रहा है. हालांकि कई ऐसे अवसर आये हैं, जब इस गांव में सूबे के सीएम तक पहुंचे हैं. आर्मी के कई अधिकारियों ने भी गांव में शिरकत की है. इसके बाद भी क्षेत्र विकास को तरस रहा है. वैसे शहीद के परिजनों को जो मान-सम्मान मिलना चाहिए, वह मिला है. इसमें प्रभात खबर की भूमिका अहम रही है. इस बात को स्वयं शहीद के परिजनों के अलावा इस क्षेत्र की जनता भी स्वीकारती है. शहीद के परिजनों को उनके जमीन पर मालिकाना हक दिलाने, पेंशन, फ्लैट दिलाने के अलावा बेटा भिसेंट एक्का को सरकारी नौकरी भी दिलाने में सहयोग किया है. प्रभात खबर के आंदोलन का नतीजा है कि बेटा भिसेंट एक्का खेतीबारी छोड़कर अब सरकारी नौकरी कर रहा है. परिजनों ने सहेज कर रखा है युद्ध स्थल का फोटो जिस स्थान पर 1971 में युद्ध हुआ था, वहां पाकिस्तानी बंकर था. इस बंकर को उड़ाने के दौरान ही अलबर्ट एक्का शहीद हुए थे. उस स्थान के कई फोटो शहीद के परिजनों के पास है. यह फोटो आज भी 1971 की युद्ध व अलबर्ट एक्का की शहादत की कहानी कहती है. उक्त फोटो को आर्मी के वरीय अधिकारियों ने जारी पहुंच कर शहीद के परिजनों को सौंपा है. इन तस्वीरों को शहीद के परिजनों ने धरोहर के रूप में सहेज कर रखा है.

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