रांचीः देश में शिक्षा के विकास में मौलाना अबुल कलाम आजाद का अहम योगदान रहा है. उन्होंने प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा देने की सिफारिश की थी व विवि अनुदान आयोग की स्थापना की.
उक्त बातें रांची विवि के कुलपति डॉ एलएन भगत ने मौलाना आजाद कॉलेज सभागार में मुत्तेहदा मुसलिम महाज द्वारा मौलाना आजाद की 125वीं जयंती से एक दिन पूर्व आयोजित सेमिनार में कही. श्री भगत ने कहा कि देश में कई बड़े शिक्षण संस्थानों की स्थापना में भी मौलाना आजाद का अहम योगदान है. उन्होंने देश को सशक्त बनाने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर दिया था.
मुख्य वक्ता हुसैन कच्छी ने कहा कि मदरसा इसलामिया से ही आधुनिक भारत के सोच को लेकर मौलाना आजाद आगे बढ़े. आधुनिक व तकनीकी शिक्षा लागू की. वर्तमान में इसे गांव तक ले जाने की जरूरत है. प्रो जमशेद कमर ने कहा कि अलहाल पत्रिका से उन्होंने स्वतंत्रता का बिगुल फूंका और देसी आधुनिक विकास को लागू करने हेतु लगातार प्रयासरत रहे. प्रो अजीत कुमार सहाय ने कहा कि मौलाना आजाद जैसे वीर ने रांची में रह कर हिंदू-मुसलिम एकता कायम रखी. अब हम सबकी जिम्मेवारी है उसे आगे बढ़ाने की.
मो सईद ने कहा कि 1984 से हमलोग मौलाना आजाद की योजना शिक्षा व स्वास्थ्य को आगे बढ़ाने का काम कर रहे है. नाजिया तबस्सुम ने कहा कि शिक्षा मंत्री रहते मौलाना ने देश में कई बड़े-बड़े शिक्षण संस्थानों की नींव रखी. इस अवसर पर अंजुमन के अध्यक्ष इबरार अहमद, शम्स कमर, जमील खान, इकबाल हुसैन, शौकत अंसारी सहित अन्य ने भी अपनी बातें रखीं. संचालन अध्यक्ष एस अली ने किया. सेमिनार में आबिद अली, छोटू खान, अकबर, नौशाद, तस्सवुर हबीब, नसरीन परवीन, जियाउद्दीन, एकरामुल, हसीब, मजहरुल व अन्य उपस्थित थे.