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सरकार ने केंद्रीय कर्मियों की आशाओं पर पानी फेरा
रांची : केंद्रीय कर्मचारी महासंघ ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का विरोध करते हुए सर्वे अॉफ इंडिया डोरंडा के सभा कक्ष में विरोध दिवस मनाया. महासंघ के अध्यक्ष डॉ सहदेव राम ने कहा कि छठे वेतन आयोग में अौसतन 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जिसमें 20 प्रतिशत कर्मचारियों को 3.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी […]
रांची : केंद्रीय कर्मचारी महासंघ ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का विरोध करते हुए सर्वे अॉफ इंडिया डोरंडा के सभा कक्ष में विरोध दिवस मनाया. महासंघ के अध्यक्ष डॉ सहदेव राम ने कहा कि छठे वेतन आयोग में अौसतन 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जिसमें 20 प्रतिशत कर्मचारियों को 3.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गयी. केंद्र सरकार के कर्मचारियों का वेतन पुनरीक्षण 10 वर्षों में होता है. सरकार यह निश्चित करे कि 10 वर्षों के बाद देश में महंगाई दर इसी स्तर पर रहेगी. अत: जो वेतन आयोग की सिफारिश है, उसका महासंघ पूर्ण रूप से विरोध करता है. केंद्र ने कर्मचारियों की अाशा पर पानी फेर दिया है.
कर्मचारियों में निराशा व उदासीनता है. महासंघ मांग करता है कि 12 जून 2015 को जेसीएम तथा वेतन आयोग के साथ जो समझौता हुआ था, उसे सरकार लागू करे. वेतन आयोग की सिफारिश एक जनवरी 2014 से लागू की जाये. एक जनवरी 2012 से 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता को वेतन में जोड़ा जाये तथा अंतरिम राहत की घोषणा शीघ्र की जाये.
महासचिव रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार जानबूझ कर कर्मचारियों को आंदोलन करने पर मजबूर कर रही है. इस अवसर पर संजय कुमार, नरेश यादव, जयनाथ राम, रंजीत सिंह, संतोष कुमार, केएसपी सिन्हा, ज्योत्सना, परवेज अख्तर, रामेश्वर प्रसाद, रामधनी पंडित सहित कई लोग उपस्थित थे.
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