रांची : बड़े उद्योगों को भूमि उपलब्ध कराने के लिए अब उद्योग विभाग खुद भूमि अधिग्रहण करेगा. इसके लिए विभाग की ओर से लैंड परचेज पॉलिसी का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. इसके तहत विभाग खुद भूमि का अधिग्रहण करेगा. एक बड़ा लैंड बैंक बनायेगा. इसके बाद वृहत व मध्यम स्तर के उद्योगों के लिए भूमि का आवंटन करेगा. विभाग बाजार दर से चार गुणा अधिक राशि पर भूमि का अधिग्रहण करेगा.
बड़े उद्योगों को नहीं मिल रही है जमीन
सूत्रों ने बताया कि भू-राजस्व विभाग द्वारा बनाये गये लैंड बैंक से बड़े उद्योगों के लिए एक ही जगह पर दो से तीन हजार एकड़ भूमि की उपलब्धता नहीं हो पा रही है. इसके कारण आर्सेलर मित्तल, जेएसडब्ल्यू, हिंडाल्को, टाटा पावर व अन्य बड़ी परियोजनाएं लंबित हैं. इन्हें खुद से भूमि खरीदने के लिए पूर्व में सरकार ने आदेश दिया था, पर जब ये भूमि खरीदने जाते हैं तो सीएनटी और एसपीटी एक्ट इनके लिए बाधा बन जाती है. इसके कारण ये कंपनियां भूमि नहीं ले पाती और उपायुक्त को अधिग्रहण के लिए आवेदन देती है. उपायुक्तों के पास वर्षों से आवेदन लंबित है.
इसके बाद पिछले दिनों मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में विभाग को खुद ही अपने लिए भूमि बैंक बनाने का निर्देश दिया गया. विभाग रियाडा, बियाडा, आयडा और एसपीयाडा के माध्यम से भूमि खरीदेगी. सूत्रों ने बताया कि सरकार द्वारा भूमि खरीदे जाने पर सीएनटी, एसपीटी एक्ट और विल्किंसन रूल ज्यादा प्रभावित नहीं होगा. इसके बाद विभाग भूमि की विस्तृत विवरणी देकर उद्योगों से आवेदन लेगा. फिर प्राथमिकता के आधार पर उद्योगों से कीमत लेकर भूमि का आवंटन किया जायेगा.
लघु उद्योगों के लिए भी भूमि उपलब्ध होगा
सूत्रों ने बताया कि लघु व सूक्ष्म उद्योगों के लिए भी अलग-अलग जगहों पर प्लॉट उद्योग प्राधिकार द्वारा उपलब्ध कराये जायेंगे. उद्योग निदेशक के रविकुमार ने बताया कि अभी पूरे राज्य में ऐसे 300 प्लॉट चिह्नित किये गये हैं. इसके लिए शीघ्र ही विज्ञापन जारी कर उद्योगों से आवेदन मंगाये जायेंगे. इसमें लघु उद्योगों के लिए ही प्लॉट चिह्नित किये गये हैं.