रांची : चीफ इंजीनियर स्तर के अभियंता मुरारी भगत छुट्टी से लौटे, तो उन्हें उन्हीं के पद चीफ इंजीनियर का तकनीकी सचिव (टीएस) बना दिया गया. उनसे वरीयता में काफी नीचे के अधीक्षण अभियंता को मुख्य अभियंता का पद दे दिया गया, जबकि मुरारी भगत को उनके नीचे का पद दिया गया. यह मामला पथ विभाग के राष्ट्रीय उच्च मार्ग विंग का है. श्री भगत पथ निर्माण विभाग कैडर में एसटी संवर्ग के सबसे सीनियर इंजीनियर हैं. पथ विभाग ने कुल पांच अभियंताअों में से उन्हें भी प्रभारी मुख्य अभियंता बनाया है.
क्या है मामला
मुरारी भगत एनएच के मुख्य अभियंता थे. अस्वस्थ होने के कारण वह लंबी छुट्टी पर थे. इस दौरान एनएच के मुख्य अभियंता का प्रभार धनबाद के अधीक्षण अभियंता को दे दिया गया था. जब श्री भगत छुट्टी से लौटे, तो उन्हें कहीं और पदस्थापित करने के बजाये एनएच के ही मुख्य अभियंता का तकनीकी सचिव बना दिया . उन्हें अधीक्षण अभियंता का पद दिया गया है, जबकि खुद पथ विभाग ने ही उन्हें प्रभारी मुख्य अभियंता बनाया है.
केवल पांच ही हैं प्रभारी मुख्य अभियंता
पथ विभाग ने अभी तक केवल अधीक्षण अभियंता पद पर ही इंजीनियरों को नियमित प्रोन्नति दी है. मुख्य अभियंता के पद पर किसी को प्रमोशन नहीं दिया गया है, पर तत्काल मुख्य अभियंता के पद को चलाने के लिए पांच अभियंताअों को प्रभारी मुख्य अभियंता बनाया गया है. इसमें महेश प्रसाद चौधरी, मुरारी भगत, अशोक प्रसाद साह, राम नरेश रमण व अरविंद कुमार के नाम शामिल हैं.