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व्यथा: ट्रेन दुर्घटना रोकनेवाले असीसन सुरीन को नहीं मिली नौकरी, पहुंचा दरबार, कहा एक लाख घूस देने पर भी नहीं बनी बात

रांची: 1991 में पैसेंजर ट्रेन को दुर्घटना होने से बचानेवाला डुमरिया (बानो) का असीसन सुरीन नौकरी नहीं मिलने की वजह से थक-हार कर बुधवार को जनता दरबार पहुंचा. मुख्यमंत्री सचिवालय में ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा व राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री अमर बाउरी का जनता दरबार था. असीसन ने मंत्रियों के सामने अपनी […]

रांची: 1991 में पैसेंजर ट्रेन को दुर्घटना होने से बचानेवाला डुमरिया (बानो) का असीसन सुरीन नौकरी नहीं मिलने की वजह से थक-हार कर बुधवार को जनता दरबार पहुंचा. मुख्यमंत्री सचिवालय में ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा व राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री अमर बाउरी का जनता दरबार था. असीसन ने मंत्रियों के सामने अपनी पीड़ा रखी.

बताया: 18 दिसंबर 1991 को वह 12 साल का था, तब उसने झारसुगुड़ा से आ रही ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त होने से बचाया था. तब वह पटरी पर रोते हुए कहीं जा रहा था, तो देखा कि पटरी का फिश प्लेट उखड़ा हुआ है. उसके हाथ में लाल कपड़ा था. उसने कपड़ा दिखा कर ट्रेन को रोकवा दिया था. उस वक्त उसे सम्मानित किया गया था. वहीं उम्र होने पर नौकरी देने की बात कही गयी थी. उम्र होने के बाद से आज तक वह नौकरी के लिए दौड़ रहा है. उसने मंत्रियों को बताया कि उसे नौकरी के लिए पहले चक्रधरपुर डिवीजन और अब रांची डिवीजन दौड़ना पड़ रहा है. उसने बताया कि नौकरी दिलाने के नाम पर उससे रांची डिवीजन के कर्मियों ने एक लाख रुपये रिश्वत भी ली थी. किसी तरह उसने पैसा जुगाड़ कर दिया .

छली गयी विनीता, निकले अांसू
रांची की विनीता ने मंत्रियों को बताया कि उसने इस्ट जेल रोड स्थित आइटीसी कॉलेज से बीएड की पढ़ाई की. उसके साथ ही बड़ी संख्या में वहां से छात्राओं ने पढ़ाई की है, लेकिन अब उन्हें सर्टिफिकेट नहीं मिल रहा है. करीब 24000 रुपये उन्होंने फीस दिया था. उन्हें बताया गया था कि यह कॉलेज इग्नू से संबद्ध है, पर इग्नू की अोर से कहा गया कि हमें कोई लेना-देना नहीं है. ऐसे में हमारी जिंदगी बरबाद हो गयी है. दुखड़ा सुनाते विनीता की आंखों से भी आंसू निकल पड़े. इस पर मंत्री ने प्राथमिकी दर्ज कराने को कहा है.

नहीं मिल रही छात्रवृत्ति, परेशान हैं विद्यार्थी
राज्य के अंदर व बाहर पढ़ रहे कई विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है. रांची मनातू की रहनेवाली नेहा गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज भुवनेश्वर की छात्रा है. उसने मंत्रियों को बताया कि वह अोबीसी है, फिर भी उसे छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है. ऐसे में उसका पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. उसके साथ ही कई अन्य मामले छात्रवृत्ति से संबंधित आये. चान्हो के नवीन कुमार साहू सहित अन्य के मामले पर मंत्री श्री बाउरी ने खुद संबंधित विभाग के अफसरों से बात करके छात्रवृत्ति के मामले को सुलझाने का निर्देश दिया है.

बनाने नहीं दिया मकान
रांची के वार्ड नंबर दो, भीठा से मो मुमताज अली शेख भी अपनी समस्या लेकर पहुंचे. उन्होंने बताया कि वह आर्मी से रिटायर होकर आये थे. इसके बाद सीसीएल में फोरमैन के रूप में काम किया. उन्होंने 10 डिसमील जमीन भीठा में खरीदी थी. घर बनवा रहा था, लेकिन मुहल्लेवालों ने घर बनाने नहीं दिया. उन्होंने नक्शा पास करवा कर काम शुरू किया था, पर आरआरडीए से गलत रिपोर्ट करा कर मकान निर्माण रुकवा दिया गया. आज तक घर नहीं बना. वह अपनी पत्नी व चार बच्चों के साथ किसी तरह वहीं पर जीवन-बसर कर रहे हैं. उनकी समस्या सुलझाने का आश्वासन दिया गया है.

सुरक्षा दें, ताकि महिला बच्चा लेकर आये
मंत्रियों ने रांची की ही एक महिला के आग्रह पर एसएसपी से कहा कि उसे सुरक्षा दी जाये. मामला यह था कि महिला ने अपनी बेटी की शादी छतीसगढ़ में की थी. बाद में उसकी बेटी व दामाद अलग-अलग हो गये, पर दामाद ने बेटे को रख लिया. न्यायालय के आदेश बेटा मां को देना का आदेश हुआ. अब मां-बेटी को अपना बच्चा छतीसगढ़ से लाना है. ऐसे में उन्होंने सुरक्षा मांगी है.

गरीबों को हटा कर संपन्न को मिल रहा लाभ
बड़गाईं से कई महिलाएं भी जनता दरबार में पहुंचीं. उन्होंने वहां के पार्षद की शिकायत की. मंत्री को बताया कि यहां के गरीबों को किसी तरह का लाभ नहीं मिल रहा है. सूची से गरीबों के नाम हटा कर संपन्न के नाम जोड़ दिये गये हैं. इस वजह से वृद्धावस्था पेंशन, शौचालय, विधवा पेंशन, राशन सहित अन्य सारी सुविधाअों से वे वंचित रह रही हैं.

लक्ष्मी लाडली योजना का लाभ दिलायें: मंत्री श्री बाउरी ने जनता दरबार से ही संबंधित पदाधिकारियों को फोन कर जरूरतमंदों को लक्ष्मी लाडली योजना का लाभ दिलाने को कहा. उन्होंने कहा कि इंद्रपुरी रोड नंबर 12 में रहनेवाली वीणा देवी ने 2013 में ही अपनी बच्ची को लेकर आवेदन दिया था. अब जाकर उसका आवेदन वापस कर दिया गया है, यह सही नहीं है. उन्हें लाभ दें.

ससुराल से निकाला, रोती रही श्वेता
रांची की श्वेता वर्मा की शादी हजारीबाग में उदय कुमार सिंह के साथ हुई है. उसकी एक बेटी भी है. उसे ससुराल से निकाल दिया गया है. अपनी पूरी कहानी मंत्रियों को बताते-बताते वह रो पड़ी. उसने कहा कि उसे उसके कमरे से भी निकाल दिया गया था. देवर ने शादी कर उस कमरे पर कब्जा कर लिया. उस पर जुल्म किया गया. पति जामताड़ा में सर्व शिक्षा अभियान में कार्यरत हैं. उसकी पीड़ा सुन मंत्री ने हजारीबाग के डीसी/एसपी से बात कर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा.

जमीन का जाली कागजात बनवा लिया, बैंक से ले लिया कर्ज
पेटरवार के विश्वनाथ महतो व उनके भाई यहां जमीन का मामला लेकर पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि पोड़दाग, भेलवाटांड़, पेटरवार में उनकी 15.59 एकड़ जमीन है. ये अलग-अलग खाता व प्लॉट की जमीन है. इस जमीन के कागजात वहीं के लोगों ने बनवा लिया है. इतना ही नहीं, जमीन पर बैंक से कर्ज भी ले लिया है. ये लोग जमीन रहते, संकट में जी रहे हैं. मंत्री ने इनकी बातों को सुनने के बाद उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया.

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