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बाल संस्कार केंद्र से हर वर्ष सात हजार गरीब बच्चे हो रहे हैं शिक्षित

रांची : बिरसा चौक प्रकाश नगर स्थित सेवा भारती में शाम चार बजे एक कमरे में प्रवेश करते ही भारतीय संस्कृति का नजारा देखने को मिलता है़ आगंतुकों का बच्चे खड़े होकर अभिवादन करते हैं. एक कमरे में करीब 20 बच्चे हैं. सभी बच्चे गरीब परिवारों के हैं. उनका पहनावा भी सामान्य है. कमरे के […]

रांची : बिरसा चौक प्रकाश नगर स्थित सेवा भारती में शाम चार बजे एक कमरे में प्रवेश करते ही भारतीय संस्कृति का नजारा देखने को मिलता है़ आगंतुकों का बच्चे खड़े होकर अभिवादन करते हैं. एक कमरे में करीब 20 बच्चे हैं. सभी बच्चे गरीब परिवारों के हैं. उनका पहनावा भी सामान्य है. कमरे के बाहर करीने से सजाकर उनकी चप्पलें रखी हुई हैं. सभी कमरे साफ-सुथरे हैं.

बच्चे एबीसीडी और क, ख, ग, घ सहित अंक ज्ञान भी सीखते हैं. यह नजारा हर दिन यहां देखने को मिलता है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी संस्था सेवा भारती यहां बाल संस्कार केंद्र चलाती है. यहां रिक्शा चालकों, मजदूरों, कचरा चुननेवाले व अनाथ बच्चों को शिक्षा दी जाती है. इन्हें पढ़ाई के अलावा संस्कार, सदाचार की बातें, स्वच्छता, सभ्यता व संस्कृति के पाठ पढ़ाये जाते हैं.
186 बाल संस्कार केंद्र हैं.

सेवा भारती के प्रांतीय सहसचिव ऋषि पांडेय ने बताया कि संस्था द्वारा राज्य के अलग-अलग जिलों में गरीब बच्चों के लिए बाल संस्कार केंद्र चलाये जाते हैं. शाम चार बजे से छह बजे तक बच्चों को शिक्षा दी जाती है. वह भी खेल-खेल में. शिक्षक उनके साथ खेलते हैं फिर पढ़ाते भी हैं. झारखंड में ऐसे 186 बाल संस्कार केंद्र सेवा भारती द्वारा चलाये जा रहे हैं. जहां प्रतिवर्ष औसतन छह से सात हजार बच्चों को शिक्षित किया जाता है. वर्ष 2015 में 6290 बच्चों को बाल संस्कार केंद्र में शिक्षा दी गयी. रांची में 88 बाल संस्कार केंद्र अलग-अलग क्षेत्रों में संचालित हैं.

कई अन्य सेवा कार्य भी हैं
सेवा भारती द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध करायी जाती हैं. इसी कड़ी में जोन्हा में 10 बेड के अस्पताल का निर्माण किया गया है. स्वावलंबन योजना के तहत महिलाओं को सिलाई व कंप्यूटर का प्रशिक्षण भी दिया जाता है. स्वयं सहायता समूह बनाकर महिलाओं के बीच 10 हजार रुपये तक के ऋण दिये जाते हैं. पिछले वर्ष 25650 महिलाओं के बीच ऋण का वितरण किया गया. सेवा भारती द्वारा वात्सल्य दुग्ध योजना चलायी जाती है. गरीब व कुपोषण के शिकार बच्चों को नि:शुल्क दूध पिलाया जाता है. साथ ही अक्षयपात्र योजना, गोशाला व शिशु भारती स्कूल का संचालन भी किया जाता है.

केंद्र में हर धर्म के बच्चे और शिक्षक
बाल संस्कार केंद्र में हर धर्म के बच्चों को पढ़ाया जाता है. शिक्षकों में भी धर्म को लेकर कोई भेदभाव नहीं होता. जमशेदपुर के किताडीह बस्ती में चलने वाले दैनिक बाल संस्कार केंद्र की आचार्या सिंचिंत आइंद ईसाई हैं. रांची के हुंडरू हराटांड सेवा बस्ती में अंजु कुजूर, ढारी ढिप्पा बस्ती की सपना टोप्पो, मणिटोला की सरिता कच्छप भी ईसाई समुदाय हैं. कटहल मोड़ के बजरा बस्ती में चलने वाले संस्कार केंद्र में एक मुसलिम युवती रोजी बच्चों को पढ़ाती हैं. ये पूरी लगन से बाल संस्कार केंद्र में बच्चों को पढ़ाती हैं. कई बच्चे इसाई व मुसलिम समुदाय के हैं.

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