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ई-रिक्शा के आवेदकों में ज्यादातर हैं संपन्न
रांची नगर निगम में आये कुल 122 आवेदन 15 नवंबर को सीएम 100 लोगों को देंगे रिक्शा गैरेज संचालक रिक्शा चालकों के नाम दे रहे हैं आवेदन सुनील चौधरी रांची : रांची में गैरेज मालिक और दुकानदार ई-रिक्शा चलाना चाहते हैं. इसके लिए इन जैसे संपन्न लोगों ने नगर निगम में आवेदन भी दिया है़ […]
रांची नगर निगम में आये कुल 122 आवेदन
15 नवंबर को सीएम 100 लोगों को देंगे रिक्शा
गैरेज संचालक रिक्शा चालकों के नाम दे रहे हैं आवेदन
सुनील चौधरी
रांची : रांची में गैरेज मालिक और दुकानदार ई-रिक्शा चलाना चाहते हैं. इसके लिए इन जैसे संपन्न लोगों ने नगर निगम में आवेदन भी दिया है़ जबकि यह योजना बीपीएल रिक्शा चालकों के लिए है. आवेदन देनेवालों में एक ही परिवार के कई लोग भी शामिल हैं.
आवेदन देनेवालों में एक ही परिवार के कई लोग भी शामिल हैं. कई आवेदक ऑटो चलाते हैं. कई कुछ और काम करते हैं. आवेदकों के फोन नंबर पर संपर्क करने के बाद इन तथ्यों की जानकारी मिली़ रांची नगर निगम में ई-रिक्शा के लिए कुल 122 आवेदन आये हैं. इनमें चयनित 100 लाभुकों को 15 नवंबर को मुख्यमंत्री रघुवर दास ई-रिक्शा सौंपेंगे.
योग्य व्यक्ति नहीं दे पा रहे हैँ आवेदन : ई-रिक्शा के लिए आवेदन देनेवाले अधिकतर लोग संपन्न हैं. वे व्यवसाय करते हैं. कई आवेदक तो कभी रिक्शा चलाये भी नहीं हैं. इसके बाद भी उन्होंने आवेदन दिया है़ वहीं, कई योग्य व्यक्ति पैसे या अन्य कारणों से आवेदन नहीं दे पाये हैं. न्यू मधुकम निवासी विनोद प्रसाद केसरी एमपीएस गैरेज से भाड़े पर रिक्शा लेकर चलाता है़
प्रतिदिन 50 रुपये की दर से भाड़ा देता है़ एक दिन में 100 से 150 रुपये तक ही कमा पाता है. उसने बताया : ई-रिक्शा के लिए नगर निगम 30 हजार रुपये अग्रिम मांग रहा है. हमारे पास इतना पैसा कहां है़ एमपीएस गैरेज के संचालक मधुकर ने मेरे नाम का डिमांड ड्राफ्ट जमा किया है़ उन्होंने मुझसे बांड लिखवाया है कि रिक्शा मिलते ही मैं उसे गैरेज के हवाले कर दूंगा़ गैरेज से ऐसे करीब 22 लोगों के नाम दिये गये हैं. चूंकि गैरेज संचालक पैसेवाला है, तो वह राशि का भुगतान कर दे रहा है. बाद में वही ई-रिक्शा का भी भाड़ा लेगा.
फोन करने पर आवेदकों ने बनाये बहाने
मधुकम निवासी गोपाल प्रसाद से जब पूछा गया कि आप कहां रिक्शा चलाते हैं, तो वह गुस्से में आ गये़ कहा, क्या हम रिक्शा चलानेवाले लगते हैं. दुकान चलाते हैं. बाद में जब उन्हें एहसास हुआ, तो कहने लगे किसी को बताइयेगा नहीं.
किशोरगंज निवासी उमेश कुमार कहते हैं : मैं तो बैग की दुकान चलाता हूं. फिर बाद में कहने लगे कि शाम में एक घंटा रिक्शा चलाते हैं.
पहाड़ी टोला निवासी दिलीप वर्मा को फोन करने पर आरएन झा नामक व्यक्ति ने कॉल रिसिव किया़ कहा : दिलीप रिक्शा गैरेज चलाते हैं. फिर कहने लगे कि नहीं उनके भाई का गैरेज है. फिर कहा : मैं दिलीप को नहीं जानता़
आर्यपुरी निवासी प्रेम कुमार सरावगी ने कहा : रिक्शा नहीं चलाते. फिर आनाकानी करने लगे. कहा: चार-पांच साल पहले रिक्शा चलाते थे. अब फिर से रिक्शा चलाना चाहते हैं.
इंद्रपुरी निवासी जनार्दन प्रसाद ने बताया कि वह रिक्शा गैरेज चलाते हैं.
मोरहाबादी निवासी मुकेश कुमार रिक्शा गैरेज के मालिक हैं.
न्यू मधुकम, रोड नंबर-5 के कुलदीप प्रसाद मेहता रिक्शा नहीं चलाते, दूसरे काम करते हैं.
विद्या नगर, रोड नंबर-3 निवासी संतोष कुमार साव का फोन नंबर किसी विनोद राजन नाम के व्यक्ति का है
न्यू मधुकम, श्रीराम नगर के दीपक कुमार शर्मा रिक्शा नहीं चलाते
जयप्रकाशन नगर, पहाड़ी टोला के दिलीप कुमार राय अन्य काम करते हैं
एमपीएस रिक्शा गैरेज, मिलन चौक
खादगढ़ा के पते पर अमेरिका गंझू और राजकिशोर सिंह दोनों ने आवेदन दिया है़
यही नहीं एमपीएस रिक्शा गैरेज के नाम सेभी आवेदन दिये गये हैं.
इटकी रोड, हेहल के विमलेश कुमार सिंह ऑटो चलाते हैं, उन्होंने कभी रिक्शा नहीं चलायी
एक ही फैमिली के चार लोगों ने दिया आवेदन
पीएन बोस कंपाउंड में मनोज कुमार दास, शरत कुमार दास, विजय कुमार दास, दिलीप कुमार दास ने एक ही पते पर अलग-अलग आवेदन दिया है. फोन करने पर शरत कुमार की बेटी ने कॉल रिसिव किया़ पहले आनाकाना करनी लगी. फिर बताया कि वह गोड्डा में किराना दुकान चलाते हैं. उनके चाचा भी गोड्डा में ही दुकान चलाते हैं.
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