गुमला: केओ कॉलेज, गुमला के प्रभारी प्राचार्य डॉ शशिभूषण की हत्या के विरोध में गुरुवार को गुमला बंद रहा. लोगों ने दुकानेंं बंद रखी. बसें नहीं चली. शहर व कॉलेज में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. घटना के बाद से कॉलेज बंद है. स्नातक पार्ट थर्ड में नामांकन भी बंद रहा. इस बीच कॉलेज में गुरुवार काे शिक्षकाें व शिक्षकेतर कर्मचारियों ने प्रेस कांफ्रेंस बुला कर प्राचार्य डॉ शशिभूषण की हत्या की सीबीआइ जांच कराने की मांग की है. साथ ही रांची विवि के कुलपति से कॉलेज परिसर में सुरक्षा गार्ड की बहाली करने व हर दिन दो बार गुमला पुलिस द्वारा कॉलेज में गश्त लगाने की मांग की गयी.
गांव आये थे उग्रवादी : ग्रामीणों के मुताबिक, बुधवार की सुबह आराेपी छात्र कृष्णा अपने गांव हुरहुरिया में ही था. जेजेएमपी के उग्रवादी गांव पहुंचे थे. कृष्णा एक घंटे तक उग्रवादियाें के साथ घूम रहा था. उग्रवादियाें ने उससे कहा था कि जाकर गांववालों से कहाे कि वे उनके लिए खाना बना कर रखें. लेकिन कृष्णा गांव से भाग कर गुमला आ गया और प्राचार्य की हत्या कर दी.
आरोपी को भेजा गया जेल : इधर, आरोपी कृष्णा उरांव का गुरुवार को सदर अस्पताल में मेडिकल कराया गया. इसके बाद उसे गुमला कोर्ट में प्रस्तुत किया गया. जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
अंतिम संस्कार आज : मारे गये प्राचार्य डॉ शशि भूषण का शव जशपुर रोड स्थित आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है. 16 अक्तूबर को पालकोट रोड स्थित श्मशान घाट में उनका दाह संस्कार होगा. इस बीच शहर में बुधवार काे कई जगहाें पर शाेक सभा की गयी. चेंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष अनमोल गुप्ता ने कहा कि बंद शांतिपूर्ण रहा. सभी लोगों ने बंद को सफल बनाने में सहयोग किया.
आरोपी ने नाम भी गलत बताया था
हत्या के आराेप में पकड़े गये छात्र ने पुलिस काे भ्रमित करने का प्रयास किया था. आराेपी का असली नाम कृष्णा उरांव है. उसके माता-पिता जीवित हैं. पिता पाही उरांव व मां देवमइत देवी हैं. गुमला थाना के हुरहुरिया गांव के निवासी हैं. आराेपी छात्र ने बुधवार काे अपना नाम राकेश कुजूर व पिता का नाम स्व अनिल कुजूर बताया था.