रांची: लॉ विवि परिसर में झाड़ियां उग आयी हैं. परिसर में लाइट की व्यवस्था भी पर्याप्त नहीं है़ झाड़ियों में सांपों का बसेरा हो गया है. शाम होते ही छात्राएं बाहर निकलने से भी डरती हैं. विवि प्रबंधन के पास घास कटवाने या लाइट की सुविधा मुहैया कराने के लिए फंड भी नहीं है़ सबसे ज्यादा परेशानी बरसात के दिनों में होती है़ विद्यार्थियों को आने-जाने में डर लगा रहता है कि कब कहां से सांप निकल आये़ लाॅ विवि के लिए पहुंच पथ भी नहीं बन पाया है़.
विवि प्रबंधन ने सरकार से इसके लिए फंड की मांग की है़ प्रबंधन ने सरकार से 50 करोड़ रुपये मांगा है़ पूर्व में सरकार ने 50 करोड़ रुपये दिये थे, जो खर्च भी हो गये़ पूर्व में हेमंत सोरेन की सरकार ने 15 करोड़ रुपये की सैद्धांतिक सहमति दी थी पर राशि नहीं मिली़ बताया जाता है कि विवि कुलपति डॉ बीसी निर्मल ने पत्र के माध्यम से राज्यपाल, मुख्यमंत्री व संबंधित मंत्री को यहां की स्थिति से अवगत करा दिया है़
विद्यार्थी रहेंगे कहां?
पहले चरण में दो छात्रावासों का निर्माण कराया गया था़ मार्च में नामांकन के लिए आवेदन जारी किया जायेगा़ जुलाई से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी़ नये विद्यार्थियों के रहने के लिए छात्रावास तक नहीं है़.
40 करोड़ रुपये बकाया
नेशनल लॉ विवि पर सीपीडब्ल्यूडी का 40 करोड़ रुपये बकाया है़ इनमें 35 करोड़ रुपये मूल व पांच करोड़ रुपये ब्याज का है़ विवि प्रबंधन के पास पैसे भी नहीं है, जिससे बकाया राशि चुकायी जा सके़
हर स्तर पर प्रयास कर रहा हू़ं ताकि, राशि मिल जाये़ विद्यार्थियों की संख्या अधिक है़ बेहतर सुविधा देने के लिए सरकार से सहयोग मांगा है़ प्रो डाॅ बीसी निर्मल, कुलपति, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रांची