रांची: लोहरदगा के केकेएम इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (आवासीय विद्यालय ) से अब तक 125 बच्चों का नामांकन नेतरहाट विद्यालय में हुआ है़. 2003 से विद्यालय से चयनित बच्चों का नामांकन नेतरहाट विद्यालय में हो रहा है़ इस वर्ष भी 19 बच्चों का चयन नेतरहाट विद्यालय में नामांकन के लिए हुआ है़ नेतरहाट में फरजी बच्चों के नामांकन का मामला समाने आने के बाद स्कूल का नाम इन दिनों चर्चा में है़ नेतरहाट विद्यालय में फरजी बच्चों के नामांकन की बात कही जा रही है़ इसकी जांच की प्रक्रिया भी शुरू की गयी है़ नेतरहाट विद्यालय समिति की ओर से इसके लिए गृह सचिव को पत्र लिखा गया है़.
गृह सचिव से डीजीपी को मामले की जिम्मेदारी सौंपी है़ 30 अक्तूबर से पहले नामांकन प्रक्रिया की जांच कर ली जायेगी़ इधर, जैक की ओर से भी नामांकन की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है़, पर स्कूल संचालक का दावा है कि उनके विद्यालय से एक भी गलत बच्चे का नामांकन नहीं होता़.
वर्ष 2010 में भी विद्यालय से परीक्षा में शामिल बच्चों के प्रमाण पत्रों की जांच हुई थी़ जांच में प्रमाण पत्र सही पाया गया था़ अावासीय विद्यालय में लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, लातेहार, रांची समेत अन्य जिलों के बच्चे रहते हैं. विद्यालय में लगभग 95 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति कोटि के बच्चे रहते है़ं बच्चों को नेतरहाट, इंदिरा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, सैनिक स्कूल तिलैया में नामांकन की तैयारी भी करायी जाती है़ विद्यालय में लोहरदगा जिले से नेतरहाट व इंदिरा गांधी बालिका विद्यालय में नामांकन के लिए चयनित 90 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी अनुसूचित जनजाति के होते हैं. नेतरहाट आवासीय विद्यालय में अनुसूचित जनजाति के बच्चों लिए 26 सीट आरक्षित है़ं. प्रति वर्ष 15 से 20 अनुसूचित जनजाति के बच्चे लोहरदगा जिले से चयनित होते है़ं जिला में एक और कोचिंग सेंटर चलता है़, जहां से बच्चों का चयन इन विद्यालयों के लिए होता है़.
शिक्षक की पत्नी चलाती है स्कूल : केकेएम इंस्टीच्यूट ऑफ एजुकेशन का संचालक अनुग्रह नारायण प्लस टू उच्च विद्यालय कैरो के शिक्षक शैलेंद्र प्रियदर्शी की पत्नी मधु कुमारी है़ स्कूल वर्ष 2003 से संचालित है़ . शैलेंद्र प्रियदर्शी ने बताया कि विद्यालय से अब तक 100 से 125 बच्चाें का नामांकन नेतरहाट विद्यालय में हुआ है़. इसके अलावा इंदिरा गांधी बालिका विद्यालय में छात्राओं का चयन हुआ है़ वर्ष 2010 में नेतरहाट आवसीय विद्यालय में नामांकन में फरजीवाड़ा का मामला उजागर हुआ था़ 2010 में केकेएम स्कूल से 18 बच्चों का चयन हुआ था़ फरजीवाड़ा का मामला उजागर होने के बाद आवासीय व जाति प्रमाण पत्रों की जांच हुई थी़ जांच में प्रमाण पत्र सही पाये गये थे़.
शैलेंद्र प्रियदर्शी से सवाल -जवाब
केकेएम इंस्टीच्यूट ऑफ एजुकेशन के संचालक आप है?
नहीं, मेरी पत्नी स्कूल चलाती है़ मैंने डीइओ कार्यालय को इसकी जानकारी दी है़
केकेएम स्कूल से बच्चे फरजी आवासीय व जाति प्रमाण पत्र बना कर परीक्षा में शामिल होते है़?
नहीं, स्कूल के सभी बच्चे झारखंड के हैं. सभी का स्थायी पता अलग-अलग है़
पत्राचार के पता में आपके पते का उल्लेख क्यों है?
बच्चे केकेएम स्कूल से परीक्षा में शामिल होते हैं, यहां रहते हैं. इसलिए पत्राचार में यहां के पता का उल्लेख किया जाता है़
वर्ष 2015 में विद्यालय से कितने बच्चों का चयन हुआ है?
14 बच्चों का नाम फाइनल लिस्ट में है़ पांच बच्चे वेटिंग लिस्ट में हैं.
अब तक कितने बच्चों का चयन विद्यालय से हुआ है?
विद्यालय से अब तक 100 से 125 बच्चों का चयन हुआ होगा़
इन बिंदुओं पर होगी जांच
बच्चों का स्थानीय व जाति प्रमाण पत्र सही है कि नहीं.
स्कूल संचालक का परीक्षा केंद्र से सेटिंग तो नहीं.
उत्तर पुस्तिका में अंकों में हेराफेरी तो नहीं की गयी़
उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन ठीक से हुआ कि नहीं.
लाेहरदगा जिले से चयनित बच्चे
हर्षित उरांव, अंकित उरांव, राजवीर उरांव, अविनाश महली, कुश उरांव, यशवंत सिंह, सागर खेरवार, अविरल किंडो, लियोन उरांव, ऋषि खलखो, नवीन भगत, मनोज उरांव, अनंत पन्ना, कृष्णा उरांव, अनिश उरांव, आर्दश रवि, अभिषेक कुमार, विशाल साहू शामिल हैं .