वहीं, अब जाकर 22 में से 14 की सेवा दूसरे विभाग को तो दी है, पर आठ को ऐसे ही छोड़ दिया गया है. इस तरह 10 महीनों से इन इंजीनियरों को बिना वेतन व काम के बैठा कर रखा गया है. बिना काम देना होगा वेतन : पथ विभाग की वजह से इन इंजीनियरों को बिना काम के करीब 2.20 करोड़ रुपये देना होगा. 22 इंजीनियरों के 10 माह के वेतन आदि में इतनी राशि खर्च होती है. इस तरह इनसे कोई काम लिया ही नहीं गया और सरकार को बड़ी राशि की चपत लगा दी गयी.
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10 माह बैठाया और कर दिया सेवानिवृत्त
रांची: पथ निर्माण विभाग 22 कार्यपालक अभियंताअों को 10 माह से बैठा कर रखा हुआ है. ये इंजीनियर पोस्टिंग के लिए दौड़ते रह गये, लेकिन उन्हें पदस्थापित नहीं किया गया. दौड़ते व गुहार लगाते एक कार्यपालक अभियंता प्रशांत देव बुधवार 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो गये. यानी पदस्थापन के इंतजार में वे रिटायर हो गये. […]
रांची: पथ निर्माण विभाग 22 कार्यपालक अभियंताअों को 10 माह से बैठा कर रखा हुआ है. ये इंजीनियर पोस्टिंग के लिए दौड़ते रह गये, लेकिन उन्हें पदस्थापित नहीं किया गया. दौड़ते व गुहार लगाते एक कार्यपालक अभियंता प्रशांत देव बुधवार 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो गये. यानी पदस्थापन के इंतजार में वे रिटायर हो गये.
जिम्मेवार अफसर के वेतन से कटौती का है आदेश : राज्य सरकार ने पहले ही यह आदेश दिया था कि अगर अफसरों/इंजीनियरों की पोस्टिंग नहीं की जाती है और उन्हें ऐसे ही बैठा कर रखा जाता है, तो इसके लिए जिम्मेवार अफसर पर कार्रवाई होगी. इतना ही नहीं उनके वेतन से राशि की कटौती की जायेगी, क्योंकि सरकार को जिम्मेवार व्यक्ति की वजह से राशि की चपत होती है.
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