18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

20 वर्षो में भी नहीं बना बरही मेगा ग्रोथ सेंटर

रांची/ बरही: बरही में मेगा ग्रोथ सेंटर के निर्माण की योजना दो दशक के बाद भी जमीन पर साकार नहीं हो पायी है. यहां उद्योगों के लिए ग्रोथ सेंटर का निर्माण किया जाना था. इसके लिए वर्ष 1992-93 में बरही प्रखंड के कोनरा मौजा में किसानों की खेतीवाली 525 एकड़ जमीन ली गयी थी. औद्योगिक […]

रांची/ बरही: बरही में मेगा ग्रोथ सेंटर के निर्माण की योजना दो दशक के बाद भी जमीन पर साकार नहीं हो पायी है. यहां उद्योगों के लिए ग्रोथ सेंटर का निर्माण किया जाना था. इसके लिए वर्ष 1992-93 में बरही प्रखंड के कोनरा मौजा में किसानों की खेतीवाली 525 एकड़ जमीन ली गयी थी. औद्योगिक ग्रोथ सेंटर में मंझोले व लघु स्तर की 300 औद्योगिक इकाई लगायी जानी थी. कल-कारखानों के निर्माण से पहले अधिग्रहीत भूमि पर सड़क, पानी, बिजली सहित अन्य आधारभूत संरचना का निर्माण किया जाना था. आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए रियाडा को उस समय 30 करोड़ की राशि भी केंद्र सरकार ने उपलब्ध करायी थी.

मालूम हो कि औद्योगिक ग्रोथ सेंटर की योजना केंद्र सरकार ने दी थी. तत्कालीन बिहार को उस समय केंद्र सरकार से दो औद्योगिक ग्रोथ सेंटर के निर्माण की योजना मिली थी. एक बरही में लगाया जाना था, दूसरा मुजफ्फरपुर में. बरही औद्योगिक सेंटर स्थापित करने का जिम्मा रियाडा को था. हजारीबाग जिला अपर समाहर्ता ने इसके लिए भूमि अजिर्त कर 17 सितंबर 1996 को रियाडा को हस्तांतरित कर दिया था, मगर रियाडा ने हासिल भूमि पर निर्माण के नाम पर एक ईंट भी नहीं लगा पाया है.

पीपीपी मोड भी काम न आया
झारखंड राज्य के गठन के बाद थोड़ी सुगबुगाहट जरूर दिखी थी. उस समय रियाडा के प्रबंध निदेशक राहुल पुरवार ने बरही औद्योगिक सेंटर निर्माण का ब्लू प्रिंट तैयार कर केंद्रीय औद्योगिक वित्त निगम के आलाधिकारियों के साथ बरही आये थे. प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण किया था. तब श्री पुरवार ने कहा था कि ग्रोथ सेंटर का निर्माण अब प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप मोड के तहत होगा. निर्माण शीघ्र किया जायेगा, मगर अब तक बरही औद्योगिक ग्रोथ सेंटर की योजना धरी की धरी है. कल-कारखाने की एक भी इकाई स्थापित नहीं की गयी. आधारभूत संरचना का निर्माण नहीं हुआ.

अधिकांश भूमि बंजर पड़ी है. सरकार ने जिंफ्रा को वर्ष 2010-11 में पीपीपी मोड में इसे डेवलप करने के लिए कंसटेंट के रूप में नियुक्त किया था. इधर, ग्रोथ सेंटर के लिए अजिर्त भूमि का एक एनएचआइ को दे दिया. एनएचएआइ ने उस पर फोर लेन जीटी रोड बरही बाइपास का निर्माण कर लिया है. इसके बाद वर्ष 2009 में सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन 203 को हेड क्वार्टर निर्माण के लिए 101 एकड़ 50 डिसमिल जमीन दे दी गयी. उद्योग की जमीन पर कोबरा बटालियन स्थापित हो गयी है.

दिखाये गये सब्जबाग
बरही में औद्योगिक ग्रोथ सेंटर निर्माण की योजना से इस क्षेत्र में उद्योग-धंधे के विकास व रोजगार के अवसर की जो उम्मीद जगी थी, वह लगभग समाप्त हो चुकी है. लोगों ने सोचा था कि ग्रोथ सेंटर इस क्षेत्र की बेरोजगारी दूर करने व पलायन पर रोक लगाने में कारगर साबित होंगे. लगनेवाले उद्योगों में स्थानीय लोगों को काम मिलेगा. इसके चलते आसपास रोजगार के अन्य अवसर उत्पन्न होंगे. ग्रोथ सेंटर में स्थानीय उद्यमियों को उद्योग-धंधा लगाने का अवसर मिलेगा. यही नहीं, क्षेत्र में औद्योगिकीकरण को प्रोत्साहन व विस्तार मिलेगा. रियाडा के अधिकारियों ने भी जमीन लेते समय भूमि मालिकों व स्थानीय लोगों को इसी प्रकार के काफी सब्जबाग दिखाये थे.

बरही को क्यों चुना गया था : बरही जीटी रोड, एनएच-31 व एनएच-33 पर अवस्थित है. कच्च माल लाने व ग्रोथ सेंटर की औद्योगिक इकाइयों के उत्पादित माल को बड़े शहरों के बाजारों तक लाने-ले जाने में तीन-तीन राष्ट्रीय राज्य मार्गो की सहूलियत थी. ग्रोथ सेंटर के प्रस्तावित स्थल के ठीक बगल में डीवीसी का तिलैया डैम है. इसका पानी उद्योगों को आसानी से उपलब्ध हो पाता. बरही में डीवीसी का एक लाख 32 हजार किलोवाट का पावर स्टेशन अवस्थित है.

राशि सरेंडर की जाती है : वर्ष 2001 से ही प्रत्येक वित्तीय वर्ष में बरही मेगा ग्रोथ सेंटर के लिए 30 से 40 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया जाता रहा है. इसके बाद वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर यह राशि सरेंडर कर दी जाती है. इस वर्ष भी पीपीपी मोड में इसे विकसित करने की बात कही गयी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें