उन्होंने कहा कि योजनाओं के कार्यान्वयन में विलंब होने से योजनाओं की लागत बढ़ जाती है, निगम की स्थापना होने से योजनाओं का निर्माण कार्य भी समय पर होगा एवं निर्माण कार्यों की गुणवत्ता मेें भी वृद्धि होगी. योजना स्वीकृत होने के पश्चात समय पर निर्माण कार्य होगा, ताकि योजना का उद्देश्य पूरा हो. सीएम ने भवन निर्माण विभाग के भी सुदृढ़ीकरण को आवश्यक बताया. वह शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन में निगम के गठन के प्रारूप पर संबंधित विभागों के सचिवों के साथ बात कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि निगम के पास भवन निर्माण की आधुनिक तकनीकें उपलब्ध रहेंगी. उन्होंने इस निगम को स्पष्ट तौर पर तकनीकी एजेंसी के रूप में विकसित करने का आदेश दिया. इसे सरकार की कंपनी के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराया जाना है. उन्होंने कहा कि संबंधित सचिव अपने-अपने विभागों से संबंधित नवनिर्माण के कार्यों का डाटाबेस तैयार कर लें. निगम को मानव संसाधन एवं विशिष्ट टेक्निकल नो–हाउ के मामले में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं दी जायेंगी.
निगम को सरकार की एक प्रोफेशनल निर्माण कंपनी के रूप में कार्य करना है. सरकार के सभी विभागों के निर्माण कार्य समेकित रूप से निगम के माध्यम से कराये जा सकेंगे. बैठक में विकास आयुक्त आरएस पोद्दार, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव गृह विभाग एनएन पांडेय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के विद्यासागर, पेयजल विभाग सचिव एपी सिंह, पर्यटन सचिव अविनाश कुमार, भवन निर्माण सचिव केके सोन, स्कूली शिक्षा सचिव आराधना पटनायक, तकनीकी एवं उच्च शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह एवं मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार वर्णवाल उपस्थित थे.