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नगड़ी में तेल मिल के संचालक का आरोप, लाख रुपये घूस दी, तो मिला बिजली कनेक्शन
रांची : नगड़ी निवास जयराम साहू का आरोप है कि उन्हें अपने तेल मिल में बिजली कनेक्शन लगवाने के लिए दो अभियंताओं को एक लाख रुपये की घूस देनी पड़ी़ जयराम साहू का कहना है कि उन्हें कनीय अभियंता अनिल कुमार को 60 हजार रुपये घूस देनी पड़ी़ बाद में एक आैर अभियंता को 40 […]
रांची : नगड़ी निवास जयराम साहू का आरोप है कि उन्हें अपने तेल मिल में बिजली कनेक्शन लगवाने के लिए दो अभियंताओं को एक लाख रुपये की घूस देनी पड़ी़ जयराम साहू का कहना है कि उन्हें कनीय अभियंता अनिल कुमार को 60 हजार रुपये घूस देनी पड़ी़ बाद में एक आैर अभियंता को 40 हजार रुपये की घूस देनी पड़ी़ इसके बाद उन्हें तेल मिल के लिए बिजली कनेक्शन मिला़, वह भी 15 माह बाद़ उन्होंने आरोप लगाया है कि घूस लिये जाने की शिकायत नगड़ी थाने में भी दर्ज करायी गयी थी, पर पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई़ मामले की शिकायत सांसद रामटहल चौधरी के पास भी की गयी है़. जयराम साहू ने रातू सब स्टेशन के तत्कालीन जेइ अनिल कुमार की ओर से घूस मांगे जाने के संबंध में हुई बातचीत की रिकार्डिंग भी की थी, जो प्रभात खबर के पास मौजूद है़ .
नौ लाख लोन लेकर खोला है तेल मिल : जयराम साहू ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना(पीएमइजीपी) के तहत नौ लाख रुपये लोन लेकर तेल मिल लगाया था.
इसमें बिजली कनेक्शन के लिए उन्होंने 10 दिसंबर 2013 को अावेदन दिया था. नगड़ी थाने में दर्ज प्राथमिकी में उन्होंने लिखा है कि मिल चलाने के लिए 35 एचपी लोड की मांग की थी. विद्युत आपूर्ति प्रशाखा इटकी में कार्यरत कनीय विद्युत अभियंता अनिल कुमार उनसे कहा कि आप महीनों आते-जाते थक जायेंगे. बिना पैसे दिये बिजली विभाग में कोई काम नहीं होता. इसलिए आप जितना लोड चाहते हैं, उसके अनुसार कम से कम एक लाख 80 हजार रुपये देने होंगे. काफी मोल-तोल के बाद एक लाख 10 हजार रुपये में मामला तय हुआ. इसके बाद अभियंता अनिल कुमार ने कहा कि 60 हजार रुपये पहले लगेगा, बाकी 50 हजार काम हो जाने के बाद दीजियेगा.
जेइ ने कहा, मेरा कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता : जयराम साहू ने प्राथमिकी में कहा है कि उन्होंने और शंकर केसरी ने 23 दिसंबर 2013 को अरगोड़ा से बिरसा चौक जानेवाले रास्ते में स्थित जेइ के आवास पर 60 हजार रुपये का भुगतान किया. इसके कुछ दिनों बाद कनेक्शन का रसीद कटाने का निर्देश दिया गया. इसके बाद उन्होंने 31 जनवरी 2014 को 35 हजार का रसीद कटवाया. पर 24 अगस्त 2014 (एफआइआर दर्ज कराने की तिथि) तक उन्हें कनेक्शन नहीं मिला था. उन्होंने आरोप लगाया है कि पूछे जाने पर जेइ बार-बार टाल-मटोल करने लगे. इस कारण विवश होकर वह पैसे वापस मांगने लगे. इस पर जेइ कहने लगे कि पैसे भी नहीं देंगे और काम भी नहीं होगा. मेरा कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता. जयराम साहू ने पुलिस से अभियंता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, पर कुछ नहीं हुआ़.
आरटीआइ से भी नहीं मिला जवाब
इसके बाद जयराम साहू ने 11 दिसंबर 2014 को विद्युत आपूर्ति प्रमंडल रांची (पश्चिम) में सूचना अधिकार के तहत आवेदन देकर जवाब मांगा. पर उन्हेें जवाब नहीं मिला. इसी दिन कार्यपालक अभियंता रांची पश्चिमी को भी ज्ञापन दिया. पर वहां भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. जयराम साहू ने इसके बाद इसकी शिकायत तीन जनवरी 2015 को सांसद रामटहल चौधरी से की़ उन्हें ज्ञापन दिया और कहा कि उनके लोन पर ऋण बढ़ता जा रहा है. सांसद ने जीएम को अविलंब कनेक्शन देने की अनुशंसा की. इसके बाद उन्होंने रातू चट्टी के एक सहायक अभियंता स्तर के अधिकारी को 40 हजार रुपये दिये, तब पांच मार्च 2015 को उनके यहां मीटर लगा. पर इसमें भी त्रुटि थी. तीन फेज की बिजली में दो फेज में ही बिजली आ रही थी. आज भी पूरी तरह उनका कनेक्शन सही नहीं हुआ है.
छोटे उद्यमी कैसे उद्योग लगायें
जयराम साहू ने कहा कि उन्होंने पीएमइजीपी से ऋण लेकर तेल मिल की स्थापना की थी.15 महीने बाद कनेक्शन मिला. उक्त अवधि का ब्याज भी उन्हें बेवजह देना पड़ा. साथ ही घूस की रकम एक लाख भी अतिरिक्त देनी पड़ी. ऐसे भ्रष्ट पदाधिकारियों पर कार्रवाई हो.
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